दिलीप कुमार के जाने से हिंदी सिनेमा के स्वर्ण युग की आख़िरी कड़ी भी टूट गई…

ट्रैजिक हीरो की भूमिकाओं के साथ-साथ ही हल्की-फुल्की कॉमेडी करने की भी क्षमता के लिए मशहूर दिलीप कुमार को उनके प्रशंसकों और साथ काम करने वालों द्वारा भी हिंदी सिनेमा का महानतम अभिनेता माना जाता है.

जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार का निधन

हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रैजडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार 98 वर्ष के थे. अपने पांच दशक लंबे करिअर में उन्होंने ‘मुग़ल-ए-आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी अनेक हिट फिल्में दीं. ‘गंगा जमुना’, ‘मधुमति’, ‘क्रांति’, ‘विधाता’, ‘शक्ति’ और ‘मशाल’ जैसी फिल्मों में बेजोड़ अभिनय के​ लिए उन्हें जाना जाता है.

पंद्रह दिन के भीतर अभिनेता दिलीप कुमार के कोरोना संक्रमित दो भाइयों का निधन

अभिनेता दिलीप कुमार के दो भाइयों एहसान ख़ान और असलम ख़ान को सांस लेने में तकलीफ़ के बाद 15 अगस्त को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके कोरोना संक्रमित होने का पता चला था. बीते 21 अगस्त को असलम ख़ान का निधन हो गया था.

हिंदी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री निम्मी का निधन

बरसात, आन, दाग, अमर, उड़न खटोला, बसंत बहार, मेरे महबूब आदि निम्मी की यादगार फिल्मों में से एक हैं. निम्मी को हीरोइन के बाद दूसरा सबसे प्रमुख किरदार निभाने के लिए जाना जाता था.

जब दिलीप कुमार ने नेहरू के रक्षा मंत्री को हारता हुआ चुनाव जिताया

चुनावी बातें: 1980 के चुनाव में वामपंथियों के नारे- 'चलेगा मजदूर उड़ेगी धूल, न बचेगा हाथ, न रहेगा फूल' के जवाब में कांग्रेस ने ‘न जात पर, न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर’ का नारा दिया था.

उत्तर प्रदेश: बर्तन से हाथ लगने पर पीटे जाने से गर्भवती दलित महिला की मौत

बुलंदशहर जिले के खेतलपुर भंसोली गांव में कथित रूप से बर्तन से हाथ लगने पर 15 अक्टूबर को गर्भवती दलित महिला को पीटा गया था.