2017-22 के बीच हिरासत में बलात्कार के 275 मामले दर्ज किए गए: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2017 के बाद से हिरासत में बलात्कार के दर्ज किए गए 275 मामलों में से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 92 मामले शामिल हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने ऐसे मामलों के लिए क़ानून प्रवर्तन प्रणालियों के भीतर संवेदनशीलता और जवाबदेही की कमी को ज़िम्मेदार ठहराया है.

2023 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 28,811 शिकायतें मिलीं, 55% से अधिक यूपी से आईं: एनसीडब्ल्यू

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,109 शिकायतें दर्ज की गईं. इसके बाद दिल्ली को 2,411, महाराष्ट्र को 1,343 शिकायतें मिलीं. सबसे ज़्यादा शिकायतें गरिमा के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल हैं. इनकी संख्या 8,540 थी.

यूपी: मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा पर घरेलू हिंसा के आरोप, पत्नी से मारपीट का केस दर्ज

नोएडा पुलिस ने लोकप्रिय मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा के ख़िलाफ़ उनकी पत्नी के साथ मारपीट के आरोप में मामला दर्ज किया है. बिंद्रा पर पत्नी को एक कमरे में बंद करने और बुरी तरह से पीटने का आरोप है. उनकी पत्नी के भाई ने बताया कि कान पर मारे जाने के कारण वे ठीक से सुन भी नहीं पा रही हैं.

मणिपुर महिला आयोग ने यौन हिंसा के 59 मामले दर्ज किए, पांच सीबीआई को सौंपे

मणिपुर राज्य महिला आयोग ने पिछले साल सितंबर से अब तक राज्य में बलात्कार, यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा सहित महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों से संबंधित कुल 59 मामले दर्ज किए हैं. इनमें से अधिकांश मामले घाटी ज़िलों से आए हैं, जिनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग शामिल हैं.

महिलाएं तलाक़ के बाद भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत गुज़ारा भत्ता पाने की हक़दार: अदालत

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल को अपनी तलाक़शुदा पत्नी को प्रति माह छह हज़ार रुपये का गुज़ारा भत्ता देने का निर्देश देते हुए कहा कि पति होने के नाते याचिकाकर्ता पर अपनी पत्नी के भरण-पोषण की व्यवस्था करने का वैधानिक दायित्व है.

2022 में एनसीडब्ल्यू को महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 31 हज़ार शिकायतें मिलीं, सर्वाधिक यूपी से

राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.

महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

राष्ट्रीय राजधानी में श्रद्धा वाकर की उनके लिव-इन पार्टनर आफ़ताब पूनावाला द्वारा की गई निर्मम हत्या ने बहुत दर्द और गुस्सा पैदा किया है. पुलिस का कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि आफ़ताब को इस नृशंस हत्या की सज़ा मिले. लेकिन आगे महिलाओं के प्रति हिंसा न हो, उसके लिए बतौर समाज हमें क्या करना चाहिए?  

विवाहित महिला से परिवार का घरेलू काम करने के लिए कहना क्रूरता नहीं: हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला की ओर से दर्ज कराए गए मामले पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. महिला ने अलग रह रहे पति और उसके माता-पिता पर घरेलू हिंसा और क्रूरता के तहत मामला दर्ज कराया था. 

2021 में रोज़ाना बलात्कार के औसतन 86 मामले हुए दर्ज, राजस्थान में सर्वाधिक: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2021 में देशभर में दर्ज कुल 31,677 बलात्कार के मामलों में से 6,337 राजस्थान में थे, जबकि 2,845 बलात्कार के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए थे. देश में 2020 की तुलना में पिछले साल बलात्कार के मामलों में 19.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

दिल्ली में बीते छह महीनों में प्रतिदिन दर्ज हुए बलात्कार के छह मामले: पुलिस

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बीते साढ़े छह महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस अवधि में हर दिन बलात्कार के कम से कम छह और छेड़छाड़ के सात मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्ष 2021 में मध्य प्रदेश में 29 व राजस्थान में 14 बच्चे हर दिन लापता हुए: चाइल्ड राइट्स एंड यू

गैर-सरकारी संगठन ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राइ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत के चार प्रमुख राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बच्चों के लापता होने के माम‍लों में काफी वृद्धि हुई है. 2021 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में लापता लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में पांच गुना अधिक है.

देश की तीस फीसदी महिलाएं शारीरिक और यौन हिंसा की शिकार: सरकारी सर्वेक्षण

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, देश में 18-49 आयुवर्ग की 32% विवाहित महिलाओं ने शारीरिक, यौन या भावनात्मक वैवाहिक हिंसा का सामना किया है. रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के ख़िलाफ शारीरिक हिंसा के 80% से अधिक मामलों में अपराधी उनके पति रहे हैं.

एमपी: महिला आयोग ने घरेलू हिंसा में विकलांग महिलाओं को आर्थिक मदद के निर्णय की आलोचना की

मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि महिलाओं को मिलने वाली लंबी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के बाद मुआवज़ा उनके ज़ख़्मों की भरपाई नहीं कर सकता. बेहतर होता कि राज्य सरकार बेतहाशा बढ़ रही घरेलू हिंसा की घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस और कारगर क़दम उठाती.

2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की क़रीब 31,000 शिकायतें मिलीं, आधे मामले अकेले यूपी से: एनसीडब्ल्यू

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30,864 शिकायतों में से अधिकतम 11,013 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं. इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,589 शिकायतें थीं.

11 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश की 70% महिलाओं ने साथ हुई घरेलू हिंसा के बारे में नहीं बताया

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के रिपोर्ट के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में अपने साथ हुई घरेलू हिंसा के बारे में न बताने वाली महिलाओं का अनुपात 80 प्रतिशत से अधिक रहा. आठ राज्यों में दस प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने शारीरिक हिंसा से बचने के लिए मदद मांगी.

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