दूरदर्शन की अंग्रेज़ी भाषा की लोकप्रिय समाचार वाचक गीतांजलि अय्यर का निधन

भारतीय टेलीविज़न के सबसे पहले अंग्रेज़ी समाचार वाचकों में से एक गीतांजलि अय्यर को चार बार सर्वश्रेष्ठ एंकर का सम्मान मिला था. उन्होंने दूरदर्शन के साथ तीन दशक तक काम किया था. कई विज्ञापनों और डीडी के एक धारावाहिक में भी वह नज़र आई थीं.

महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले अभिनेता गूफी पेंटल का निधन

एक अभिनेता होने के अलावा गूफी पेंटल ने कुछ टीवी शो और एक फिल्म का निर्देशन भी किया था. बीआर फिल्म्स के साथ वह एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर के रूप में भी काम कर चुके थे.

पत्रकार संगठनों ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के ‘भगवाकरण’ के ख़िलाफ़ चेतावनी दी

नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि आरएसएस समर्थित हिंदुस्तान समाचार को आकाशवाणी और दूरदर्शन को समाचारों की आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया गया है. यह क़दम सत्ता पक्ष के हिसाब से भारत में ख़बरों का भगवाकरण करेगा और स्वतंत्र पत्रकारिता को ख़त्म कर देगा.

मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम का निधन

भारतीय फिल्म उद्योग में तबस्सुम ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के तौर पर की थी. उन्हें ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था. फिल्मों के बाद उन्होंने ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की एंकरिंग का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था. उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया और इस दौरान तमाम बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया था.

कर्मचारियों ने कहा, डीडी पर उर्दू न्यूज़ बुलेटिन घटाने को लेकर प्रसार भारती का ‘खंडन’ भ्रामक

द वायर की एक ख़बर में दूरदर्शन के मुख्य उर्दू चैनल पर उर्दू न्यूज़ बुलेटिन की संख्या घटाने की बात उठाई गई थी. इसका 'खंडन' करते हुए प्रसार भारती द्वारा किए गए ट्वीट में मूल सवाल को नज़रअंदाज़ करते हुए इसके सभी नेटवर्क पर प्रसारित हो रहे उर्दू बुलेटिन की संख्या गिनवाई गई है.

क्या प्रसार भारती कर रहा है उर्दू भाषा की अनदेखी?

वीडियो: कोविड-19 से पहले डीडी न्यूज़ और ऑल इंडिया रेडियो, दोनों से उर्दू के दस बुलेटिन प्रसारित होते थे. 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के कारण हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू डेस्क पर बुलेटिनों की संख्या कम कर दी गई थी. बाद में सभी भाषाओं के कार्यक्रम बहाल हुए, लेकिन डीडी न्यूज़ पर उर्दू के केवल दो और ऑल इंडिया रेडियो पर तीन बुलेटिन शुरू किए गए.

कोविड महामारी के बीच समाचारों पर भरोसा बढ़ा है, पर भारत में औसत से नीचे: रिपोर्ट

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘रॉयटर्स इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा किए सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो अधिक भरोसेमंद हैं, जबकि प्रिंट मीडिया, सामान्य तौर पर समाचार चैनलों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माने गए.

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आलोचनाओं का सामना कर रही मोदी सरकार लाएगी ‘डीडी इंटरनेशनल’

राष्ट्रीय प्रसारक प्रसार भारती ने बीते 13 मई को जारी एक टेंडर में ‘डीडी इंटरनेशनल’ के गठन के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेस से विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट मंगाई है. सरकार का कहना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत के नज़रिये को रखने में मदद मिलेगी.

बिहार: क्या डिजिटल शिक्षा की रेस में पिछड़ रहे हैं सरकारी स्कूलों के छात्र

कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब राज्य सरकारें मोबाइल और टीवी के ज़रिये छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. ऐसी कोशिश बिहार सरकार द्वारा भी की गई है, लेकिन आर्थिक-सामाजिक असमानता के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों तक इन माध्यमों से शिक्षा पहुंचा पाना बेहद कठिन है.

लॉकडाउन: रामायण के बाद दूरदर्शन पर महाभारत, ब्योमकेश बक्शी और सर्कस जैसे सीरियलों की वापसी

दूरदर्शन पर पहली बार पौराणिक धारावाहिक महाभारत का प्रसारण साल 1988, शाहरुख़ ख़ान अभिनीत सर्कस का प्रसारण 1989 और जासूसी धारावाहिक ब्योमकेश बक्शी का प्रसारण साल 1993 में किया गया था.

33 साल बाद दूरदर्शन पर फिर से होगा रामायण का प्रसारण

रामायण का प्रसारण पहली बार दूरदर्शन पर 25 जनवरी 1987 को किया गया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनता की मांग पर शनिवार 28 मार्च से रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर फिर से किया जाएगा.

कोरोना लॉकडाउन: रामायण और महाभारत का दोबारा प्रसारण कर सकता है दूरदर्शन

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर ने बीते 25 मार्च को ट्वीट कर कहा कि उनका विभाग धारावाहिक के निर्माताओं से महाभारत और रामायण का प्रसारण अधिकार मांग रहा है.

बुनियाद: वो धारावाहिक जिसने विभाजन की विभीषिका को बख़ूबी बयां किया

इसमें कोई शक नहीं कि रामायण और महाभारत जैसी मिथकीय गाथाओं का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर कहीं व्यापक असर पड़ा, मगर जो मानक बुनियाद ने बनाया, उसे फिर नहीं बनाया जा सका.

दूरदर्शन ने सीपीआई के चुनावी भाषण से ‘आरएसएस’ शब्द हटाने को कहा, पार्टी ने किया इनकार

सीपीआई की ओर से कहा गया है कि दूरदर्शन ने भाषण से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिए कहा है. पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर ऐसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई हो रही है.