पिछले कई सालों से पानी की क़िल्लत से परेशान दिल्लीवासी, आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

वीडियो: दिल्ली देश की राजधानी है, लेकिन हर साल गर्मियों के मौसम में मानसून आने से पहले यहां पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. दिल्ली को पानी की जितनी ज़रूरत है, उतनी आपूर्ति नहीं होती है. इस वजह से दिल्ली में हर साल पानी का संकट खड़ा हो जाता है.

उत्सर्जन में कटौती नहीं की गई तो भारत में हो सकती है असहनीय गर्मी, भोजन-पानी की कमी: रिपोर्ट

जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति द्वारा जारी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि भारत में उत्सर्जन में कटौती नहीं की गई तो मानवीय अस्तित्व की दृष्टि से असहनीय गर्मी से लेकर, भोजन और पानी की कमी तथा समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी से गंभीर आर्थिक क्षति तक हो सकती है.

भारत ने सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा संबंधी प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया

भारत ने इस क़दम का विरोध करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर चर्चा का उचित मंच ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ यानी यूएनएफसीसीसी है, न कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद. भारत के अलावा वीटो का अधिकार रखने वाले रूस ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया, जबकि चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया.

बढ़ते समुद्र, घटते ग्लेशियर; लगभग 100 प्रतिशत ग्लोबल वार्मिंग का कारण इंसान: यूएन जलवायु समिति

जलवायु परिवर्तन पर आई आईपीसीसी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि अगर पृथ्वी के जलवायु को जल्द स्थिर कर दिया जाए, तब भी जलवायु परिवर्तन के कारण जो क्षति हो चुकी है, उसे सदियों तक भी ठीक नहीं किया जा सकेगा. आईपीसीसी इस बात की पुष्टि करता है कि 1950 के बाद से अधिकांश भूमि क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी, हीटवेव और भारी बारिश भी लगातार और तीव्र हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘मानवता के लिए कोड रेड’ क़रार

भारत में जलवायु आपदाओं और संघर्षों की वजह से 2020 में 39 लाख लोग विस्थापित हुए: रिपोर्ट

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट द्वारा जारी ‘भारत के पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट 2021’ के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पलायन के लिहाज़ से भारत दुनिया का चौथा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है. चीन, फिलीपींस और बांग्लादेश में पिछले साल सर्वाधिक पलायन हुआ. प्रत्येक देश में 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

जलवायु आपदाओं के चलते 2050 तक साढ़े चार करोड़ भारतीय विस्थापित हो सकते हैं: रिपोर्ट

एक्शन एड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने की राजनीतिक असफलता के कारण अकेले दक्षिण एशिया में बड़ी संख्या में विस्थापन होगा और यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं से जूझेगा.

महाराष्ट्र: सरकारी रिपोर्ट में मराठवाड़ा के किसानों के लिए 2,904 करोड़ के मुआवजे की सिफारिश

महाराष्ट्र सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बेमौसम बरसात से 44,33,549 किसान प्रभावित हुए और आठ जिलों में 41,49,175 हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हुई.

जल संकट के कगार पर राजस्थान, कभी भी ख़त्म हो सकता है भूजल

राजस्थान सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 33 ज़िलों को भूजल के हिसाब से कुल 295 ब्लॉक में बांटा गया है, जिनमें से 184 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आ गए हैं. इसका मतलब है कि आधे से ज़्यादा राज्य में ज़मीनी पानी कभी भी समाप्त हो सकता है.

जल संकट को लेकर होने वाले प्रदर्शनों को न रोकें: मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तरह के मामलों को किसी भी सरकार को अपने अपमान के तौर पर नहीं लेना चाहिए. सरकार को स्थितियां सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जो राज्य में जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

किसान संगठन ने सरकार को सूखे को लेकर दी चेतावनी, समयपूर्व कदम उठाने की मांग की

एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि साफ तौर पर हम एक ऐसी स्थिति देख रहे हैं जो राष्ट्रीय आपदा में बदल सकती है.

महाराष्ट्र में चार सालों में 12 हज़ार से ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की

महाराष्ट्र के सहकारिता एवं पुनर्वास मंत्री सुभाष देशमुख ने विधानसभा में बताया कि साल 2015 से 2018 के दौरान जिन 12,021 किसानों ने आत्महत्या की, उनमें से 6,888 किसान सरकारी मदद पाने के योग्य थे.

चेन्नई: पानी की किल्लत बरक़रार, निजी टैंकरों ने दोगुने से अधिक किए दाम

चेन्नई हॉस्टल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि जल संकट के चलते एसोसिएशन के 350 सदस्यों के लगभग 100 हॉस्टल बंद करने पड़े हैं. वहीं राज्य सरकार ने शहर में पानी की कमी से इनकार किया है.

चेन्नई में जल संकट गहराया, पानी के लिए हिंसक झड़पें

चेन्नई में बीते कुछ महीनों से जारी पानी की कमी के चलते लोग बेहाल. आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों से घर से काम करने को कहा, होटलों ने बंद किया दोपहर का खाना, कई ने अपने काम के घंटे भी घटाए.