भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की चिंताओं के बीच एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की साख लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए रही है, लेकिन अब उसे छवि की लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
वीडियो: भारत में पेट्रोल, डीज़ल और सीएनजी की कीमतें बढ़ रही हैं. इसके चलते कई राज्यों में कैब सर्विस कंपनियों ओला और उबर ने भी यात्रा की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. एक तरफ महंगाई बढ़ी है तो दूसरी तरफ सीएमआईई के मुताबिक बेरोजगारी के आंकड़े कम हुए हैं. इन मुद्दों पर प्रो. संतोष मेहरोत्रा से द वायर के याक़ूत अली की बातचीत.
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेंस के चेयर प्रो. अरुण कुमार सरकार को सबसे पहले पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कमी करने की ज़रूरत है. ईंधन के दाम अधिक होने पर दूसरे उत्पाद महंगे हो जाते हैं. सरकार चाहे तो कर राजस्व बढ़ाने के लिए उन लोगों पर टैक्स लगा सकती है, जिनकी संपत्ति हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है. कॉरपोरेट कर, संपत्ति कर जैसे कर बढ़ाकर प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ाया जा सकता
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.
बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को दो सप्ताह के भीतर 13वीं बार वृद्धि की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बढ़ती कीमतों को 'प्रधानमंत्री जन धन लूट योजना' क़रार दिया है.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.
रविवार को 13 दिन में 11वीं बार पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में डीज़ल का दाम भी शतक के पार हो चुका है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि इसी गति से दाम बढ़े तो अगले चुनाव तक पेट्रोल 275 रुपये प्रति लीटर बिकेगा.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. रिकॉर्ड संग्रह के साथ यह संशोधित बजट लक्ष्य को पार कर गया है. केंद्र ने 2021-22 के लिए 5.70 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का संशोधित बजट लक्ष्य रखा था. इससे पहले जनवरी 2022 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.40 लाख करोड़ रुपये था.
रूस-यूक्रेन संकट के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से घरेलू इस्पात विनिर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉयल और टीएमटी सरिये के दाम पांच हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ा दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस्पात की दामों में कुछ हफ्ते पहले की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है. वहीं, कोकिंग कोल की क़ीमत 500 डॉलर प्रति पर पहुंच गई है.
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति द्वारा जारी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि भारत में उत्सर्जन में कटौती नहीं की गई तो मानवीय अस्तित्व की दृष्टि से असहनीय गर्मी से लेकर, भोजन और पानी की कमी तथा समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी से गंभीर आर्थिक क्षति तक हो सकती है.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने बताया कि उनके मंत्रालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 67 फीसदी एमएसएमई तीन महीने से अस्थायी तौर पर बंद थे और 50 फीसदी से अधिक इकाइयों ने अपने राजस्व में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट का सामना किया.
आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन को 35 फीसदी बढ़ाते हुए उम्मीद की गई है कि राज्य सरकारें पीएम गति शक्ति परियोजना, जिसका मकसद नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत चिह्नित नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हेतु फंड जुटाने के लिए सरकारी परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण है, के तहत फंडिंग में योगदान करेंगी. पर सवाल है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश में इज़ाफ़ा किस हद तक निजी निवेशक को प्रोत्साहित कर पाएगा?
केंद्रीय बजट 2022-23 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए केवल एक नई योजना की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाया है, इसलिए 'गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम' शुरू किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के वित्तीय वर्ष 2022-23 के आवंटन में बीते साल की तुलना में पांच फीसदी की कटौती के साथ 17,250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह 2018-19 के बाद से इस मंत्रालय के लिए सबसे कम बजटीय आवंटन है.