एडिटर्स गिल्ड की ज़ुबैर की रिहाई की मांग, कहा- दुष्प्रचार करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के ख़िलाफ़

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने उनकी फ़ौरन रिहाई की मांग की है. वहीं, ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने पत्रकारों के ख़िलाफ़ क़ानून के इस तरह इस्तेमाल को अनुचित बताते हुए पुलिस से मामला वापस लेने का आग्रह किया है.

सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की रिपोर्टिंग में संयम बरते मीडिया: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मीडिया घरानों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक अशांति की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा न बनने की अपील की है. गिल्ड ने कहा कि तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना किसी निष्कर्ष न पहुंचे क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.

पीआईबी के नए मान्यता निर्देशों का इरादा सरकार की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग रोकना: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्र सूचना ब्यूरो की ओर से पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी नए दिशानिर्देशों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा कि ये अस्पष्ट, मनमाने और कठोर निर्देश सरकारी मामलों की आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा में पत्रकार की मौत से कई सवाल उठते हैं: एडिटर्स गिल्ड

लखीमपुर खीरी हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप की मौत की अदालत के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल द्वारा अलग से जांच कराने की मांग करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि यह किसानों में डर फैलाने के लिए स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला है. वहीं, भारतीय प्रेस परिषद ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए योगी सरकार से रिपोर्ट तलब की है.

पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले यूपी के अधिकारी पर हो कड़ी कार्रवाई: एडिटर्स गिल्ड

बीते दिनों उन्नाव में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा एक पत्रकार को पीटने का वीडियो सामने आया था. गिल्ड ने कहा है कि भले ही सीडीओ ने माफ़ी मांग ली है, लेकिन प्रशासन का मनमाना रवैया मीडिया के लोकतांत्रिक अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदेश में पत्रकारिता के माहौल में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.

जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा एनकाउंटर स्थलों से रिपोर्टिंग पर रोक अलोकतांत्रिक: एडिटर्स गिल्ड

पुलिस का दावा है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि हिंसा को फैसले से रोका जा सके, क्योंकि एनकाउंटर वाले स्थान से रिपोर्टिंग करने पर ‘देशविरोधी भावना’ भड़कती है. हालांकि एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि सत्य बताने में कुछ भी ग़लत नहीं है.