चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सबसे अधिक चंदा पाने वालों में भाजपा के बाद तृणमूल कांग्रेस का नंबर आता है. इसे कुल 1609.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसका एक तिहाई हिस्सा (542 करोड़ रुपये) लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने दिया.
चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए नवीनतम डेटा के अनुसार, भाजपा ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच कुल 6060.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए.
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चुनाव आयोग को सौंपे जनता दल (यूनाइटेड) के हलफनामे में पार्टी ने घोषणा की है कि उसे 10 अप्रैल 2019 से 26 अप्रैल 2019 के बीच चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 13 करोड़ रुपये मिले, लेकिन पार्टी ने चंदादाताओं में से केवल दो का ही नाम बताया है.
वीडियो: 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कई बार दोहराया कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्षता ज़रूरी है, लेकिन क्या देश के सभी राजनीतिक दलों के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 'लेवल प्लेयिंग फील्ड' है? इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.
चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में सड़क, खनन और इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी बड़ी कंपनियों का शामिल होना दिखाता है कि भले चंदे की राशि राजनीतिक दलों को मिल रही है, लेकिन इनकी क़ीमत आम आदिवासी और मेहनतकश वर्ग को चुकानी पड़ रही है, जिसके संसाधनों को राजनीतिक वर्ग ने चंदे के बदले इन कंपनियों के हाथों में कर दिया.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के संदर्भ में कहा कि मामलों की सुनवाई अदालत में हो रही है, अयोध्या विवाद का समाधान भी अंततः अदालतों के माध्यम से ही निकला. अगर मामला न्यायपालिका द्वारा हल किया जा सकता है तो समान पैमाने के आंदोलन की आवश्यकता कहां है.
चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए डेटा में भारतीय जनता पार्टी ने आयोग को बताया है कि चुनावी बॉन्ड देने वालों के नाम और विवरण रखना आवश्यक नहीं था, इसलिए यह जानकारी उसके पास उपलब्ध नहीं है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को अपने पास उपलब्ध सभी विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है. हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर, यदि कोई हो, शामिल होंगे.
देश के तीन वामपंथी दलों - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्हें चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई पैसा नहीं मिला है.
बिहार में भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल पहली बार 30 अप्रैल, 2023 को और फिर 4 जून को दूसरी बार ढह गया था. इसका निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने मई 2019 में एक ही दिन में 75 लाख रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
राजनीतिक दलों को सर्वाधिक चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच अपने लाभ के छह गुना से अधिक चंदा दिया है. पार्टियों को चंदा देने में दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का नाम भी शामिल है, जिसने घाटे के बावजूद चुनावी बॉन्ड खरीदे.
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड पर 26 अक्टूबर, 2018 को आयकर छापे पड़े थे. इसके छह महीने बाद इसने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त खरीदी.
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड योजना को ‘दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट’ बताया. वहीं, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट से सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ उच्च स्तरीय जांच और उसके बैंक खातों को फ्रीज़ करने की मांग की.