इलाहाबाद में प्रयाग का अस्तित्व था लेकिन प्रयागराज में इलाहाबाद की कोई जगह नहीं बची

दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक अकबर ने देश में किसी नाले तक का नाम बदलने का प्रयास नहीं किया, तो उसे प्रयाग से क्योंकर कोई चिढ़ हो सकती थी?

नेताओं को पता होना चाहिए कि उन्होंने देश नहीं बनाया, जनता ने बनाया है: जावेद अख़्तर

मशहूर शायर व गीतकार ने कहा, टीपू सुल्तान भारतीय नहीं थे और अगर मैं इससे सहमत नहीं, तो मैं राष्ट्रद्रोही बन जाऊंगा, तो मैं राष्ट्रद्रोही हूं.