त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि राज्य के युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के सरकार के चल रहे प्रयास के एक हिस्से के रूप में कैबिनेट ने फैसला किया है कि सरकारी और अर्द्ध-सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते समय स्थायी निवासी प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी.
देश भर में 120 से अधिक भर्ती एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन ने कहा कि कंपनियों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखे गए फ्लेक्सी कर्मचारियों की नौकरियों में एक साल पहले की तुलना में 7.7 प्रतिशत कम हो गई हैं.
वीडियो: निजी संस्थानों से लेकर सरकार के आंकड़े बताते हैं कि रोज़गार के बाज़ार में औरतों की भागीदारी दर बहुत कम है. इस वीडियो में औरतों के रोजगार के आंकड़े, मर्दों के मुकाबले औरतों की कमाई, रोज़गार और कमाई के मामले में औरतों की खराब स्थिति आदि की पड़ताल की गई है.
वीडियो: बीते रविवार को दिल्ली में 'एक वोट पर एक रोज़गार आंदोलन' की तरफ़ से रोज़गार क़ानून, न्यूनतम मज़दूरी एवं पेंशन को लेकर जन संसद का आयोजन किया गया था, जहां आए कर्मचारियों, श्रमिकों और कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगें रखीं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले अवैध मदरसों और संस्थानों की समीक्षा होगी. प्रदेश में किसी तरह का अतिवाद और कट्टरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने ऐसे संस्थानों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का एक हालिया विश्लेषण बताता है कि हमारी बेरोज़गारी दर फरवरी के 7.5 फीसदी से बढ़कर मार्च में 7.8 फीसदी हो गई है. इस अवधि में यह तीन महीने की उच्च दर है. शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर 8.4 फीसदी थी, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 7.5 फीसदी थी.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल जनवरी में सृजित ‘व्यक्ति-दिवसों’ की संख्या 20.69 करोड़ रही, जबकि फरवरी में यह संख्या 20.29 करोड़ रही. इससे पहले के तीन वर्षों में इन्हीं महीनों के दौरान यह संख्या काफी अधिक रही थी.
हिमाचल प्रदेश के शहरी ग़रीब परिवारों को रोज़गार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की थी. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत काम की मांग बढ़ी है, लेकिन प्रत्येक मज़दूर को औसतन प्राप्त कार्य के दिनों की संख्या में कमी देखी गई है. इतना ही नहीं 2023-24 के बजट में राज्य की नई कांग्रेस सरकार ने इस योजना की अनदेखी की है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को पहली बार साल 2015 में सरकार द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करना था.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि राज्य में युवा श्रम भागीदारी दर कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से लगातार गिर रही है. 20-24 साल के युवाओं के बीच रोज़गार दर में भारी गिरावट आई है.
वर्ष 2022 में नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले नए ग्राहकों की संख्या 5,65,500 रही. 2021 में यह 6,19,835 थी. एनपीएस के आंकड़े सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन का अनुमान लगाने के लिए प्रॉक्सी माने जाते हैं.
सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ कुल 23 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से पांच में योजना को चुनौती दी गई थी, वहीं अन्य 18 में पुरानी भर्ती प्रणाली को लागू करने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन सभी को ख़ारिज करते हुए कहा कि उसे योजना में दख़ल देने की कोई वजह नहीं दिखती.
भारतीय मिथकीय संदर्भों में अमृत-विष की अवधारणा समुद्र मंथन से जुड़ती है, जहां मोहिनीरूपधारी विष्णु ने चालाकी से सारा अमृत देवताओं को पिला दिया था. आज मोदी सरकार ने आर्थिक संपदा व संसाधनों को प्रभुत्व वर्ग के हाथों में केंद्रित करते हुए मोहिनी की तरह अमृत का पूरा घड़ा ही उनके हाथ में दे दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 2004 से 2014 के दशक को 'लॉस्ट डेकेड' कहा था. यह पद अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में न के बराबर बढ़ोतरी को लेकर चलन में रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री ने भारत में जिस दशक के लिए इसे इस्तेमाल किया, उससे जुड़े आंकड़े इस अर्थ के विपरीत तस्वीर दिखाते हैं.
केंद्र सरकार के बजट में सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा को न केवल दरकिनार किया गया है बल्कि मनरेगा सरीखी कई ज़रूरी योजनाओं के आवंटन में भारी कटौती की गई है. ऐसे में झारखंड जैसा राज्य जो कुपोषण, ग़रीबी व ग्रामीण बेरोज़गारी से जूझ रहा है, वहां आने वाले राज्य बजट के पहले पिछले बजटों में की गई घोषणाओं के आकलन की ज़रूरत है.