महाराष्ट्र में बीते 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लंबे समय से केंद्र और राज्य में गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
महाराष्ट्र कांग्रेस ने चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ख़राबी की 187 शिकायतें भेजी हैं. राज्य में विधानसभा की 288 सीटों पर शाम पांच बजे तक 54.53 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर, चंदौली, डुमरियागंज, मऊ के साथ बिहार के सारण और महाराजगंज में ईवीएम की संदिग्ध आवाजाही का आरोप लगाया गया है. चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने ईवीएम में कांग्रेस के बटन के काम न करने सहित कई गड़बड़ियों का आरोप लगाया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने शिकायत दर्ज कराई.
चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बिजली जाने की वजह से करीब एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद थे और इस बीच रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई थी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई गड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान इंदौर, गुना और धार में तीन मतदान कर्मचारियों की बीमारी के कारण मौत हो गई.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भंडारा-गोंदिया उपचुनाव में मिली हार पर कहा कि यदि चुनाव मानसून में होता तो भाजपा ज़रूर जीतती. उधर, एक भाजपा विधायक ने उत्तर प्रदेश में मिली हार के लिए योगी सरकार, उनके मंत्रियों और नौकरशाही को ज़िम्मेदार ठहराया है.