जीव विज्ञान पाठ्यक्रम से एवोल्यूशन को हटाना इस विषय को रटंत विद्या बनाने का रास्ता है

क्रमिक विकास (एवोल्यूशन) जीव विज्ञान की धुरी है और डार्विनवाद इसे समझने की बुनियाद. इन्हें स्कूल के पाठ्यक्रम से निकालना विज्ञान की कक्षा के इकोसिस्टम को बिगाड़ना है.

दुनिया में ‘डीएनए डे’ क्यों मनाया जाता है?

विशेष: जैसे एक इमारत को खड़ा करने से पहले एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाता है, उसी प्रकार एक कोशिका कैसा रूप लेगी या कैसे काम करेगी- यह उसके अंदर का डीएनए ही निर्धारित करता है. इस डीएनए की खोज को आज सत्तर साल पूरे हो गए हैं.

होमोसेपियन इस दुनिया में कैसे आए

हम सब कौन हैं और कहांं से आए हैं- यह एक महत्वपूर्ण सवाल है - न सिर्फ डीएनए को समझ औषधि में विकास लाने के लिए, पर अपना अतीत और अस्तित्व जानने के लिए भी. लेकिन क्या हम असल में जान पाए हैं कि मनुष्य प्रजाति कहांं से आई.

पैट्रिक मैथ्यू, जो डार्विन से पहले प्राकृतिक चयन के सिद्धांत तक पहुंचे थे

चार्ल्स डार्विन ने 1859 में प्राकृतिक चयन पर अपनी किताब दुनिया के सामने पेश की थी, लेकिन उनसे कुछ साल पहले ही स्कॉटलैंड के पैट्रिक मैथ्यू इस सिद्धांत तक पहुंच चुके थे. इस बात को ख़ुद डार्विन ने भी माना था, पर इतिहास मैथ्यू को इसका उचित श्रेय नहीं दे सका.

भाजपा सांसद ने डार्विन के सिद्धांत को फिर दी चुनौती, कहा- हम ऋषियों की संतानें, बंदरों की नहीं

भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा, हमारी भारतीय संस्कृति यह मानती है कि हम ऋषियों की संतानें हैं. जो लोग यह कहते हैं कि वे बंदरों की औलाद हैं, मैं ऐसे लोगों की भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचाना चाहता हूं.

क्या आप चार्ल्स डार्विन और उनके प्राकृतिक चयन के सिद्धांत की ये कहानी जानते हैं?

विशेष रिपोर्ट: 150 साल से भी ज्यादा पुरानी यह कहानी चार्ल्स डार्विन, अल्फ्रेड वालेस और विलियम बेटसन की है. तीनों इंग्लैंड से हैं और 19वीं सदी के हीरो हैं.

मोदी के मंत्री ने डार्विन के सिद्धांत को फिर दी चुनौती, कहा- मेरे पूर्वज बंदर नहीं थे

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि मैं एक किताब लिख रहा हूं. जिसमें डार्विन सिद्धांत पर एक अध्याय होगा. हम साक्ष्य और दस्तावेजी प्रमाण देकर साबित करेंगे कि हम जो कह रहे हैं, वह सही है.

मंत्री जी ने डार्विन को चुनौती देकर बंदरों पर लगे कलंक को मिटाने की तरफ़ बड़ा क़दम उठाया है

बंदरों ने केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह की बात का स्वागत किया है कि डार्विन के सिद्धांत को स्कूल-कॉलेजों की किताबों से निकाल देना चाहिए.

मोदी के मंत्री ने कहा, ‘इंसानों के विकास संबंधी डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से ग़लत’

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में बदलाव की ज़रूरत. इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है.