फ़र्ज़ी ख़बरें बताने का ज़िम्मा पीआईबी को देना बंदर के हाथ में उस्तरा देने के समान है

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन कहता है कि पीआईबी की फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी’ बताई गई सामग्री सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटानी होगी. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की पत्रकार तपस्या ने बताया कि इस फैक्ट-चेक इकाई ने उनकी एक रिपोर्ट को बिना किसी दस्तावेज़ी प्रमाण के सिर्फ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक ट्वीट के आधार पर 'फ़र्ज़ी' क़रार दे दिया था.

आईटी नियमों में संशोधनों को हटाया जाए, मीडिया परिषद की स्थापना की जाए: प्रेस एसोसिएशन

प्रेस एसोसिएशन ने कहा कि प्रेस काउंसिल पहले से ही फ़र्ज़ी समाचार की कई शिकायतों पर फैसला कर रही है. पीआईबी जैसी विशुद्ध रूप से सरकारी संस्था को फेक न्यूज़ को निर्धारित करने और कार्रवाई करने की शक्ति मिलने से प्रेस काउंसिल का अधिकार, स्वतंत्रता कम हो जाएगी, जो 1966 से सुचारू रूप से काम कर रही है.

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन प्रेस की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा सकता है: डिजीपब

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन कहता है कि पीआईबी की फैक्ट-चेकिंग इकाई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा 'फ़र्ज़ी' क़रार दी गई सामग्री सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटानी होगी. डिजिटल मीडिया संगठनों के संघ डिजीपब ने कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने का संस्थागत तंत्र बन सकता है.

आईटी नियमों में संशोधन के ख़िलाफ़ एडिटर्स गिल्ड, कहा- अकेले सरकार फेक न्यूज़ तय नहीं कर सकती

आईटी नियम के मसौदा संशोधन में कहा गया है कि पीआईबी की फैक्ट-चेकिंग इकाई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा झूठी चिह्नित की गई सामग्री को सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटाना होगा. एडिटर्स गिल्ड ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह प्रेस की सेंसरशिप के समान है.

केंद्र का प्रस्ताव, पीआईबी फैक्ट-चेक द्वारा ‘फ़र्ज़ी’ बताई गई ख़बर को सभी मंचों से हटाना होगा

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के एक संशोधन मसौदे में कहा है कि प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट-चेकिंग इकाई या सरकार द्वारा अनुमोदित किसी अन्य एजेंसी द्वारा झूठी चिह्नित की गई सामग्री को सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटाना होगा.

केंद्र ने फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने के आरोप में छह यूट्यूब चैनलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ये यूट्यूब चैनल चुनाव, सुप्रीम कोर्ट, संसद की कार्यवाही और सरकार के कामकाज के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाते पाए गए. इन यूट्यूब चैनलों में नेशन टीवी, संवाद टीवी, सरोकार भारत, नेशन24, स्वर्णिम भारत और संवाद समाचार शामिल हैं.

देश विरोधी मुहिम चलाने वाले यूट्यूब के 104 चैनल व 6 वेबसाइट के ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई: अनुराग ठाकुर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार देश के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले व समाज में भ्रम एवं भय फैलाने के मामले में आईटी क़ानून की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करती रही है. 

फ़र्ज़ी ख़बरें राष्ट्रीय चिंता का विषय बन सकती हैं, कोई संदेश भेजने से पहले 10 बार सोचें: मोदी

एक आयोजन में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए 'एक राष्ट्र-एक वर्दी' नीति अपनाने के लिए भी कहा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.

सरकार ने दस यूट्यूब चैनल के 45 वीडियो पर प्रतिबंध लगाया: केंद्रीय मंत्री

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों से मिली सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की गई है. उनका दावा है कि प्रतिबंधित किए गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर ग़लत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था.

क्या असल में पुणे में पीएफआई के प्रदर्शन में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ का नारा लगा था?

फैक्ट चेक: कई चैनलों, पत्रकारों और भाजपा नेताओं का दावा है कि एनआईए, ईडी और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सौ से अधिक नेताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में पुणे में हुए एक प्रदर्शन में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए थे. हालांकि पड़ताल में पाया गया कि यह दावा ग़लत है.

मुख्यधारा के मीडिया को सबसे बड़ा ख़तरा डिजिटल मंच से नहीं, बल्कि ख़ुद से है: अनुराग ठाकुर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर न्यूज़ चैनल ऐसे मेहमानों को आमंत्रित करते हैं, जो ध्रुवीकरण कर रहे हैं, झूठी ख़बरें फैलाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हैं, तो चैनल की विश्वसनीयता कम हो जाती है.

हाईकोर्ट ने शेहला राशिद के ख़िलाफ़ कार्यक्रम को लेकर ज़ी न्यूज और सुधीर चौधरी से जवाब मांगा

नवंबर 2020 में ज़ी न्यूज़ पर प्रसारित एक कार्यक्रम में जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता का साक्षात्कार दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने शेहला पर आतंकी फंडिंग से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था. शेहला ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि चैनल बिना शर्त माफ़ी मांगे.

जेल में दो साल पूरे होने पर उमर ख़ालिद का ख़त: कभी-कभी निराशा और अकेलापन मुझे घेर लेते हैं

अक्सर सोचता हूं, यह अंधेरी सुरंग कितनी लंबी है? क्या कोई रोशनी दिखाई दे रही है? क्या मैं इसके अंत के नज़दीक हूं या अब तक सिर्फ आधी दूरी ही तय की है? या आज़माइश का दौर अभी बस शुरू ही हुआ है?

ज़ी हिंदुस्तान ने पाकिस्तान में ज़मीन विवाद के चलते महिला की पिटाई को दिया सांप्रदायिक एंगल

बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल था, जिसमें एक महिला से कुछ लोग मारपीट करते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए समाचार चैनल ज़ी हिंदुस्तान ने दावा किया था कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर ज़ुल्म नहीं रुक रहा है. अब फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में पता चला है कि पीड़िता मुस्लिम समुदाय की हैं और इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

फर्ज़ी ख़बरों के दौर में पत्रकारों का अनदेखियां दर्ज करना पहले से ज़्यादा ज़रूरी: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता तब तक सुरक्षित रहेगी, जब तक पत्रकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई से डरे बिना सत्ता से सच कह सकते हैं.

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