देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.
फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.
बीते दिनों केंद्र सरकार ने कोविड-19 संबंधी ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि उन्हें तब तक क्वारंटीन में भेजने की ज़रूरत नहीं है, जब तक उन्हें या तो बहुत अधिक ख़तरा न हो या वायरस संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हों. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा इसका विरोध किया गया है.