देशभर में इस साल मानसूनी बारिश और बाढ़ से क़रीब 1,900 लोगों की मौत: सरकार

बिहार में इस साल 161 लोगों की मौत बाढ़ और बारिश से हो मौत हो चुकी है. बीते 27 से 30 सितंबर की बारिश के बाद राज्य में मरने वालों की संख्या 73 हुई. राजधानी पटना के कंकड़बाग, राजेंद्रनगर और पाटलिपुत्र में बैंक, दुकानें, निजी अस्पताल और कोचिंग संस्थान एक हफ्ते से बंद हैं.

देशभर में वर्षाजनित हादसों में 148 लोगों की मौत, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाके डूबे

भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार में बाढ़ के लिए हथिया नक्षत्र को ज़िम्मेदार ठहराया.

‘हमने भारी बारिश की चेतावनी दी थी, ताकि बिहार सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे’

विशेष रिपोर्ट: बिहार की राजधानी पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक ने बताया कि 26 सितंबर से ही हम लोग वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिये राज्य की एजेंसियों को बता रहे थे कि भीषण बारिश होगी. हमने राज्य सरकार को भी इसकी सूचना भेजी थी.

कोसी के तटबंधों के बीच रहने वाली आबादी के लिए पलायन ही​ ज़िंदा रहने की इकलौती तरकीब है

बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों से किया वादा सरकार ने आज तक नहीं निभाया, लिहाज़ा यहां रहने वाले लोग बेहद अमानवीय परिस्थितियों में जीवन जीने को अभिशप्त हैं.

कोसी नदी पर 60 साल से नहीं बना पुल, एक पखवाड़े से अनशन जारी

बिहार के सहरसा ज़िले में एक अनशन पिछले एक पखवाड़े से जारी है. एक पुल के निर्माण के लिए ये अनशन हो रहा है. अनशनकारियों की हालत अब बेहद नाज़ुक है.

विकास योजनाओं में अदूरदर्शिता का विनाशकारी मॉडल है फरक्का बैराज

विशेषज्ञों का मानना है कि फरक्का बैराज परियोजना से जितना फायदा हुआ उससे कई गुना ज़्यादा नुकसान हो चुका है. इसका कोई समाधान न निकाला गया तो व्यापक तबाही के लिए तैयार रहना होगा.