महामारी से मानव जाति अस्तित्व के संकट से गुज़र रही, टीके की कमी से हर कोई प्रभावित: अदालत

रूस में निर्मित कोविड-19 टीके स्पुतनिक वी से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस असाधारण समय में नियमावली से गुज़रते हुए मानव जीवन को बचाना कठिन हो जाएगा. इस समय लचीलापन और तत्परता मंत्र होना चाहिए.

टीका उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल न करने पर कोर्ट ने कहा- कुछ लोगों पर हत्या का केस दर्ज हो

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि टीकों की कमी से जान गंवाने वालों को आप क्या जवाब देंगे? अदालत ने केंद्र से कहा कि टीकों के निर्माण के लिए बहुत सारी गुंजाइश और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. इस्तेमाल न की गई इस क्षमता का उपयोग करना होगा. आपके अधिकारियों को इसका एहसास नहीं हो रहा है.

कोविड: सरकारी वादों के बावजूद निकट भविष्य में वैक्सीन की किल्लत का समाधान नज़र नहीं आता

केंद्र ने अगस्त से दिसंबर के बीच 2.2 अरब टीके उपलब्ध करवाने की बात कही है, पर यह नहीं बताया कि इनमें से कितने देश में बनेंगे और कितने आयात होंगे. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि टीकों की मौजूदा कमी नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच उत्पादकों को वैक्सीन का प्री-ऑर्डर देने में मोदी सरकार की नाकामी का नतीजा है.

कोविड-19: टीकों की कमी के बीच विदेशी कंपनियों का राज्यों को वैक्सीन आपूर्ति से इनकार

राज्यों को स्वतंत्र तौर पर विदेशी कंपनियों से कोविड के टीकों की ख़रीद की अनुमति मिलने के बाद मॉडर्ना और फाइजर ने पंजाब और दिल्ली सरकारों के प्रस्ताव यह कहकर नामंज़ूर कर दिए कि वे सिर्फ केंद्र सरकार से क़रार करेंगी. इसके बाद केंद्र की ओर से कहा गया है कि वे वैक्सीन विनिर्माताओं से बात करेगा.