राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व सीजेआई गोगोई को असम का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलेगा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने घोषणा की है कि पूर्व सीजेआई और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई को असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ से सम्मानित किया जाएगा. गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद में मंदिर पक्ष के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.

राज्यसभा में क़रीब तीन साल बिताने के बाद रंजन गोगोई ने सदन में कोई सवाल नहीं पूछा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मार्च 2020 में राज्यसभा का सदस्य मनोनीत होने के बाद से सदन में कोई सवाल नहीं किया, न ही कोई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया. राज्यसभा की वेबसाइट के जिस हिस्से में सांसदों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है, वहां गोगोई संबंधी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है.

रंजन गोगोई की किताब ‘जस्टिस फॉर द जज’ उनके द्वारा की गई नाइंसाफ़ियों का सबूत है

सीजेआई के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में तीन गुनाह हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने इसमें एक चौथा भी जोड़ दिया. पिछले दिनों आई उनकी किताब का मक़सद इन सभी का  बचाव करना है, लेकिन हर मामले में यह ख़राब ही साबित हुआ है.

अपने ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न आरोपों की सुनवाई की पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था: रंजन गोगोई

पूर्व सीजेआई और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' के विमोचन में कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की कर्मचारी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई में जज नहीं होना चाहिए था. गोगोई ने कहा, 'हम सभी ग़लतियां करते हैं. इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है.'

राज्यसभा में सांसद रंजन गोगोई की ख़ामोशी का एक साल

बीते साल राज्यसभा सांसद के बतौर मनोनीत होने के बाद पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि संसद में उनकी उपस्थिति विधायिका के सामने न्यायपालिका के विचारों को पेश करने का अवसर होगी, हालांकि रिकॉर्ड दिखाते हैं कि इस एक साल में वे उंगली पर गिनी जा सकने वाली बार ही सदन में नज़र आए हैं.

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की अनुमति देने से अटॉर्नी जनरल का इनकार

बीते दिनों के कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सदस्य और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने न्यायपालिका के 'जर्जर हाल' में होने की बात कही थी. इसके लिए उनके ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की अपील से इनकार करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने ऐसा संस्थान की बेहतरी के लिए कहा.

राज्यसभा नामांकन पर बोले जस्टिस गोगोई- अगर सौदा होता तो सिर्फ राज्यसभा सीट से बात न बनती

एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने देश की न्यायिक व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायपालिका एकदम ‘जर्जर’ स्थिति में पहुंच गई है और वे कोर्ट जाना पसंद नहीं करेंगे.

चुनावी बॉन्ड मामले की सुनवाई कर चुके रंजन गोगोई को अब ये मामला याद नहीं

लोकसभा चुनाव के दौरान इस मामले को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली एक पीठ ने ही चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाने से मना कर दिया था.

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने राज्यसभा सांसद की शपथ ली, विपक्ष ने वॉक आउट किया

विपक्ष के सदन से वॉक आउट करने को क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अनुचित क़रार दिया. पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे. उन्होंने अक्टूबर 2018 में देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था.

रिटायरमेंट के बाद गोगोई बंधुओं पर सरकार की मेहरबानी

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा में नामित किए जाने से पहले बीती जनवरी में राष्ट्रपति ने उनके भाई सेवानिवृत्त एयरमार्शल अंजन गोगोई को नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल के पूर्णकालिक सदस्य के बतौर मनोनीत किया था, जबकि उन्होंने इस क्षेत्र में अधिक समय काम नहीं किया है.

राज्यसभा में रंजन गोगोई को नामित किए जाने पर पूर्व न्यायाधीशों और विपक्षी दलों ने की आलोचना

पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसफ सहित कई पूर्व न्यायाधीशों ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन पर कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पद लेना न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमतर करता है. विपक्षी दलों ने इसे केंद्र सरकार का निर्लज्ज कृत्य क़रार दिया.

राष्ट्र निर्माण के लिए विधायिका और न्यायपालिका को साथ काम करना चाहिए: जस्टिस रंजन गोगोई

राज्यसभा नामांकन के प्रस्ताव को स्वीकार करने की पुष्टि करते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वे शपथ लेने के बाद इस मामले पर विस्तार से बात करेंगे.

पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा के लिए नामित

भारत के पूर्व मुख्य न्याया​धीश जस्टिस रंजन गोगोई पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे. रिटायर होने से पहले उन्होंने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था.

भारत में मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना जाना चाहिए: पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा

पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि भारत में इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. गांवों में, इसकी वजह से अराजकता फैल जाएगी.’