रफाल सौदे की बातचीत में इतनी रियायतें क्यों दी गईं?
दासो एविएशन से रफाल लेते समय एक ख़रीददार के बतौर भारत काफ़ी मज़बूत स्थिति में था, लेकिन फिर भी कई मुद्दों पर रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 का उल्लंघन करते हुए रियायतें दी गईं.
दासो एविएशन से रफाल लेते समय एक ख़रीददार के बतौर भारत काफ़ी मज़बूत स्थिति में था, लेकिन फिर भी कई मुद्दों पर रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 का उल्लंघन करते हुए रियायतें दी गईं.
मोदी सरकार द्वारा किए गए सौदे के तहत गारंटी संबंधी प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करते हुए कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि क़रार के भंग होने की स्थिति में भारत को पहले पंचाट या मध्यस्थता के ज़रिये सीधे तौर पर विमान के फ्रांसीसी आपूर्तिकर्ताओं के साथ मामले को सुलझाना पड़ेगा.
बुधवार को संसद में रफाल पर अपनी रिपोर्ट पेश कर कैग ने दावा किया कि या रफाल सौदा यूपीए की डील के मुकाबले 2.86 प्रतिशत सस्ता है. हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल कैग रिपोर्ट की आलोचना कर रहे हैं.
रफाल को लेकर मोदी सरकार का दावा है कि नई डील यूपीए सरकार से बेहतर है और इसकी वजह से भारत को विमान जल्दी मिल जाएंगे. हालांकि रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी.
भारतीय रक्षा पूंजी खरीद की बातचीत में किसी ‘शेरपा’(दूत) की मदद की व्यवस्था छोड़िए, कोई कल्पना भी नहीं की गई है. न ही अंतरसरकारी समझौतों के मामलों में उनकी कोई भूमिका ही सुनिश्चित की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2015 में रफाल सौदे से महज़ 15 दिन पहले अनिल अंबानी फ्रांस के रक्षामंत्री और उनके सलाहकारों से मिले थे. कांग्रेस ने सरकार पर गोपनीयता क़ानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा, ‘रक्षा मंत्री और विदेश सचिव नहीं जानते थे लेकिन अंबानी को पता था कि सौदा होने वाला है.’
क्या आपने रक्षा ख़रीद की ऐसी कोई डील सुनी है जिसकी शर्तों में से किसी एजेंसी या एजेंट से कमीशन लेने या अनावश्यक प्रभाव डालने पर सज़ा के प्रावधान को हटा दिया जाए? मोदी सरकार की कथित रूप से सबसे पारदर्शी डील में ऐसा ही किया गया है.
रफाल सौदा 2013 की मानक रक्षा ख़रीद प्रक्रिया (डीपीपी) के तहत किया गया था जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर जुर्माने संबंधी सख़्त प्रावधान किए गए थे. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रत्येक रक्षा ख़रीद में लागू होने वाले इन प्रावधानों को मोदी सरकार द्वारा सितंबर 2016 में इस सौदे से हटा दिया गया.
कांग्रेस ने महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा संसद में रफाल सौदे की ऑडिट रिपोर्ट पेश करने पर ऐतराज़ जताया.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भाजपा के शासनकाल में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषाएं बदल दी गई हैं. जो रफाल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं, जो सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है.
वीडियो: एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रफाल सौदे में पीएमओ के दखल पर रक्षा मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी. द वायर द्वारा भी इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि रक्षा मंत्रालय के रफाल क़रार की शर्तों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय समझौता कर रहा था. इस मामले पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अजय आशीर्वाद की बातचीत.
‘द हिंदू’ अख़बार ने खुलासा किया है कि रफाल सौदे में पीएमओ ने फ्रांस सरकार से समानांतर बातचीत की थी. इस बातचीत ने इस सौदे पर रक्षा मंत्रालय और भारतीय वार्ताकार टीम की बातचीत को कमज़ोर किया. इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ख़ारिज करते हुए कहा है कि अख़बार ने पत्रकारीय मूल्यों का पालन नहीं किया.
रफाल सौदे पर बातचीत के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक टीम गठित की, उसी तरह फ्रांस की तरफ से भी एक टीम बनी. दोनों के बीच लंबे समय तक बातचीत और मोलभाव हुआ. इस बीच भारतीय टीम को पता चला कि इस बातचीत में उनकी जानकारी के बिना पीएमओ भी शामिल है और अपने स्तर पर शर्तों को बदल रहा है. लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह बात छिपाई. क्या ये सरकार सुप्रीम कोर्ट से भी झूठ बोलती है?
रफाल सौदे में पीएमओ की दखल पर रक्षा मंत्रालय की आपत्ति की मीडिया रिपोर्ट पर दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार को घेरा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘अब साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है. मैं कड़े शब्द इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन करने को विवश हो रहा हूं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं.’
‘द हिंदू’ अख़बार ने दावा किया है कि फ्रांस सरकार के साथ रफाल समझौते को लेकर रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ पीएमओ भी समानांतर बातचीत कर रहा था. द वायर द्वारा भी इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि रक्षा मंत्रालय के रफाल करार की शर्तों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय समझौता कर रहा था.
एक आरटीआई के जवाब में सीएजी ने कहा, ‘ऑडिट में प्रगति हो रही है और रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. यह सूचना आरटीआई कानून की धारा 8(1)(सी) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा.’
कांग्रेस ने भाजपा नेता और गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत पी. राणे के साथ एक अज्ञात व्यक्ति की बातचीत की रिकॉर्डिंग जारी की है. इसमें कथित रूप से राणे एक व्यक्ति को बता रहे हैं कि राफेल से संबंधित दस्तावेज़ मनोहर पर्रिकर के बेडरूम में हैं.
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि कोर्ट के फैसले में कई सारी गलतियां हैं, इसलिए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए. बीते 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित दायर सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को ठुकरा दी थी.
सरकारी फाइलों में दर्ज है कि दिसंबर 2015 में जब समझौता वार्ता नाजुक मोड़ पर थी, उस समय प्रधानमंत्री कार्यालय ने हस्तक्षेप किया था.
सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्रमुख आर.माधवन ने कहा कि राफेल सौदे की शुरुआत में एचएएल राफेल विमान बनाने में सक्षम थी लेकिन मौजूदा सरकार 36 विमानों की डिलीवरी जल्द से जल्द चाहती थी, जो भारत में बनाना संभव नहीं था.
वीडियो: हम भी भारत की 60वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी राफेल सौदे की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाएं ख़ारिज होने पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और द वायर के फाउंडिंग एडिटर एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक संशोधित रिपोर्ट के बारे में लिखा गया है. हालांकि कैग और संसद के अधिकारियों ने बताया कि संविधान में ऐसी किसी रिपोर्ट का प्रावधान नहीं है.
राफेल मामले की सुनवाई के दौरान कैग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के आरोप में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा फ्रांस से हुए 36 राफेल विमान के सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच की याचिका भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी हैं, लेकिन इसको लेकर छिड़ा विवाद अभी थमता नज़र नहीं आता.
राफेल मामले में दिए गए फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैग के साथ राफेल की क़ीमत का ब्यौरा साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने ग़ौर किया. हालांकि पीएसी के सदस्यों का कहना है कि उनके पास न ऐसी कोई रिपोर्ट आई, न ही उन्होंने इसे जांचा है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में बताई गई कैग रिपोर्ट के बारे में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अदालत को ग़लत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर यह फ़ैसला आया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में याचिकाकर्ताओं और पब्लिक एकाउंट्स कमेटी का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में जांच की मांग वाली सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि हमें रक्षा सौदे में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, ‘कोर्ट का ये काम नहीं है कि वो निर्धारित की गई राफेल कीमत की तुलना करे. हमने मामले की अध्ययन किया, रक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत की, हम निर्णय लेने की प्रक्रिया से संतुष्ट हैं.’
फ्रांस में एक संगठन ने नेशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर के दफ़्तर में राफेल सौदे में संभावित भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराते हुए भारत के साथ हुए 36 राफेल विमानों के सौदे और रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर के बतौर चुने जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे पर जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर बहस पूरी हुई. शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा. केंद्र सरकार का शीर्ष अदालत में राफेल विमानों के दाम की जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में दासो एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने रिलायंस के साथ हुए क़रार को लेकर लगे आरोपों पर कहा कि मैंने जो पहले कहा वही सच है. मैं झूठ नहीं बोलता हूं. एक सीईओ होकर आप झूठ नहीं बोल सकते.
प्रशांत भूषण ने कहा कि राफेल करार में 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है. इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
शीर्ष न्यायालय ने सरकार से कहा कि जो भी जानकारी क़ानूनी रूप से सार्वजनिक की जा सकती है उसे याचिकाकर्ताओं को दिया जाए. यदि कोई सूचना गोपनीय है तो उसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपें. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि अगर केंद्र राफेल की क़ीमत नहीं बता सकता है तो हलफ़नामा दायर करे.
केंद्र ने राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध किया और यह कहते हुए उन्हें ख़ारिज करने का अनुरोध किया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई हैं.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह सौदे की विस्तृत जानकारी और यूपीए व एनडीए सरकारों के दौरान विमान की कीमतों का तुलनात्मक विश्लेषण सील बंद लिफाफे में न्यायालय को सौंपे.
जन गण मन की बात की 313वीं कड़ी में विनोद दुआ यौन शोषण के ख़िलाफ़ महिलाओं द्वारा शुरू किए गए ‘मीटू’ अभियान और राफेल सौदे की सीबीआई जांच पर चर्चा कर रहे हैं.
अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी बड़े पूंजीपतियों से अपने करीबी रिश्तों को लेकर हो रही आलोचना को नहीं टाल सकते.
सितंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री के बीच राफेल क़रार पर दस्तख़त हुए थे, उसके ठीक पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमतों को लेकर सवाल उठाए थे और इसे फाइल में दर्ज किया था.