2022-23 में केवल 66 लाख फ्रंटलाइन नौकरियां सृजित हुईं, पिछले साल की तुलना में 17.5% की गिरावट: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के 80 लाख के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए लगभग 66 लाख नौकरियां सृजित हुईं. फ्रंटलाइन की नौकरियों में कॉल सेंटर कर्मचारी, डिलीवरीकर्मी, मार्केटिंग अधिकारी, बिक्री एवं व्यवसाय विकास अधिकारी और हाउसकीपिंग स्टाफ जैसी ग्राहकों से सीधे रूबरू होने वाली अन्य नौकरियां शामिल होती हैं.

सरकारी पैनल ने कोविड-19 रोधी टीके से जुड़ी पहली मौत की पुष्टि की

कोविड-19 का टीका लगाए जाने के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) का अध्ययन करने वाली राष्ट्रीय समिति ने माना है कि 68 साल के एक व्यक्ति को बीते मार्च में को टीका लगाया गया था, जिसके बाद गंभीर एलर्जी (एनाफिलैक्सिस) होने से उनकी मृत्यु हो गई. हालांकि समिति ने कहा कि कोविड-19 से मौत के ज्ञात जोख़िम की तुलना में टीकाकरण से मृत्यु का जोख़िम नगण्य है.

सिर्फ़ 56 फ़ीसदी स्वास्थ्यकर्मियों और 47 फ़ीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स का पूर्ण टीकाकरण हुआः सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 82 फ़ीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस टीके की सिर्फ़ एक डोज़ लगी है, जबकि 56 फ़ीसदी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है. इसी तरह 85 फ़ीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की एक, जबकि 47 फ़ीसदी को दोनों डोज़ लगी है.

ओडिशा ने पत्रकारों को अग्रिम मोर्चे का कोविड योद्धा घोषित किया

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ओडिशा ने अपनी ड्यूटी करते हुए कोविड-19 से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवार को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. वैश्विक महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक ओडिशा में 11 पत्रकारों की जान जा चुकी है.

देश में कोरोना से 20 प्रशिक्षित नर्सों की मौत, 509 संक्रमितः नर्सेज एसोसिएशन

ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आंकड़े जारी कर बताया कि कोरोना मरीज़ों की देखभाल के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक स्टाफ नर्स कोरोना संक्रमित हैं और कोविड से सबसे अधिक नर्सों की मौत भी इन्हीं राज्यों में हुई है.

डॉक्टरों के वेतन का भुगतान करने के लिए केंद्र राज्यों को निर्देश दे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में पहली कतार के योद्धाओं- डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर उसमें कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में देरी की जा रही है.