वर्ष 2021 में रिकॉर्ड संख्या में लोग पर्याप्त भोजन से वंचित रहे: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया है कि 53 देशों में लगभग 19.3 करोड़ लोगों को 2021 में खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा और यह स्थिति संघर्ष, असामान्य मौसम और कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों की तिहरी मार के कारण उत्पन्न हुई. यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की वजह से वैश्विक खाद्य उत्पादन प्रभावित होने से यह स्थिति और भयावह होने जा रही है.

श्रीलंका: आर्थिक संकट के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच सरकार ने की आपातकाल की घोषणा

श्रीलंका वर्तमान में ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है और ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. इसके ख़िलाफ़ देश में प्रदर्शन जारी हैं. आपातकाल की घोषणा उस समय की गई है, जब अदालत ने राष्ट्रपति आवास के सामने प्रदर्शन के लिए गिरफ़्तार प्रदर्शनकारियों के एक समूह को ज़मानत दे दी है.

थोक उपभोक्ताओं के लिए डीज़ल के दाम 25 रुपये लीटर बढ़े, खुदरा पंप बंद होने की आशंका

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह क़दम उठाया गया है. हालांकि, पेट्रोल पंपों के ज़रिये बेचे जाने वाले डीज़ल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

रूस-यूक्रेन युद्ध: कच्चा तेल नरमी के बावजूद 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर, भारत के लिए चुनौती बरक़रार

कच्चे तेल का यह दाम सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है. जानकारों का कहना है कि केंद्र की एनडीए सरकार के लिए यह उछाल सरकारी तेल खुदरा विक्रेताओं पर खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव बढ़ा रहा है. इस बढ़ोतरी को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र रोक दिया गया है और मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद इनमें वृद्धि की उम्मीद है.

यूपीए काल में दी गई सब्सिडी का भुगतान कर रहे हैं करदाता: निर्मला सीतारमण

लोकसभा में वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह टिप्पणी की. इस बीच कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक, राकांपा सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोज़गारी पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों से मुफ़्त कोविड टीके की लागत की भरपाई हो रही है: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि ईंधन की कीमतें अधिक नहीं हैं, इसमें टैक्स शामिल है. फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इसे इस तरह से एकत्र किया गया है.

भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के महंगाई पर अजब-गजब बयान

वीडियो: भारत की जनता महंगाई की मार झेल रही है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल जनवरी से सितंबर तक रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए, वहीं पेट्रोल के दाम 100 के पार भी गए. इस बीच भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के अजब-गजब बयान आते रहे. सरकार में आने से पहले और बाद में भाजपा मंत्रियों और नेताओं के बयानों को सुना जाना चाहिए.

मांग में वृद्धि की वजह से नहीं केंद्र की ग़लत नीतियों और कुप्रबंधन से बढ़ी महंगाई: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.

पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतें बढ़ने पर मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बोले- साइकिल का इस्तेमाल करें

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ईंधनों से मिलने वाले कर राजस्व को ग़रीबों के भले के लिए खर्च कर रही है. साइकिल हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगी और प्रदूषण से भी मुक्ति दिलाएगी.

थोक महंगाई जुलाई में माइनस 0.58 प्रतिशत हुई, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई दर जुलाई में माइनस 0.58 फीसदी रही, जबकि जून महीने में यह माइनस 1.81 फीसदी थी.

पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिसंबर में 7.35 फीसदी पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भी दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर सामान्य स्तर को लांघ चुकी है. वहीं, दिसंबर महीने में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 फीसदी ऊपर थीं. साल 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी पर चल रही थी.

भाषणों के मास्टर मोदी पेट्रोल से लेकर रुपये पर क्यों नहीं बोल रहे हैं?

सरकार में हर कोई दूसरा टॉपिक खोजने में लगा है जिस पर बोल सकें ताकि रुपये और पेट्रोल पर बोलने की नौबत न आए. जनता भी चुप है. यह चुप्पी डरी हुई जनता का प्रमाण है.

खुदरा के बाद थोक महंगाई दर में भी बढ़ोतरी, पिछले साल की तुलना में दोगुने स्तर पर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति मई में 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 प्रतिशत थी.