विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा दिए गए आदेशों की समीक्षा करे असम सरकार: गौहाटी हाईकोर्ट

गौहाटी हाईकोर्ट ने बोंगाईगांव के निवासी फोरहाद अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिन्हें अक्टूबर 2019 में एक न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया था. अदालत ने चिंता व्यक्त की कि कई मामलों में बिना कारण बताए या दस्तावेज़ों का उचित विश्लेषण किए बिना लोगों को विदेशी घोषित कर दिया गया होगा.

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को गंभीरता से लिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें एक महिला अधीनस्थ द्वारा लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप में सेवा चयन बोर्ड के एक पूर्व कर्मचारी की 50% पेंशन रोकने का आदेश निरस्त किया गया था. कोर्ट ने कहा कि उत्पीड़न करने वाले को क़ानून के चंगुल से बचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

गौहाटी हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को होने वाले भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक लगाई

गौहाटी हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मांग की गई है कि चुनाव प्रक्रिया तब तक रोक दी जानी चाहिए, जब तक कि उनकी संस्था को भारतीय कुश्ती महासंघ से मान्यता नहीं मिलती और वे मतदाता सूची के लिए अपने प्रतिनिधि को नामांकित नहीं कर देते.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत को ‘ग़ैर न्यायिक हत्या’ मामले में क्लीनचिट

ये विवादास्पद ग़ैर न्यायिक हत्याएं 1998 और 2001 के बीच असम में तब हुई थीं, जब प्रफुल्ल कुमार महंत राज्य के मुख्यमंत्री थे और गृह विभाग भी संभाल रहे थे. इन हत्याओं को गुप्त हत्या के नाम से जाना जाता है. इनमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों सहित क़रीबी सहयोगियों को गोली मार दी जाती थी.

असम: पुनर्वास शिविर में अमानवीय हाल में रह रहे लोगों को लेकर अदालत ने सरकार को फटकारा

गौहाटी हाईकोर्ट ने एक ख़बर का स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें होजई के डोबोका शिविर की बदहाल व्यवस्था दर्ज करते हुए 18 महीने से 6 साल के 50 बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने के बारे में बताया गया था. मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी की शिविर के दौरे के बाद दी गई रिपोर्ट में बेहद अमानवीय स्थिति सामने आई है.

बाल विवाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई लोगों की निजी जिंदगी में क़हर ढा रही है: गौहाटी हाईकोर्ट

असम की हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है. इसके तहत हज़ारों की संख्या में लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में हिरासत में लेकर आरोपियों से पूछताछ की कोई ज़रूरत नहीं है.

जांच के नाम पर मकानों पर बुलडोज़र चलाने का प्रावधान क़ानून में नहीं है: गौहाटी हाईकोर्ट

गौहाटी हाईकोर्ट ने नागांव ज़िले में एक घटना के आरोपी के मकान को गिराए जाने की घटना का स्वतः संज्ञान लिया था. सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को फटकारते हुए कहा एजेंसी भले ही किसी गंभीर मामले की जांच क्यों न कर रही हो, किसी के घर पर बुलडोज़र चलाने का प्रावधान किसी आपराधिक क़ानून में नहीं है.

असम: अदालत में ईश्वर के नाम पर शपथ लेने के ख़िलाफ़ याचिका दायर

गौहाटी हाईकोर्ट के एक वकील ने इसी अदालत में याचिका दायर करते हुए सवाल उठाया है कि कोर्ट में किसी नास्तिक या ईश्वर में विश्वास न रखने वाले को भगवान के नाम पर कसम लेने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए.

असम: हाईकोर्ट ने उग्रवादी संगठन उल्फा के समर्थन में कविता लिखने वाली छात्रा को ज़मानत दी

असम में जोरहाट के डीसीबी कॉलेज में बीएसएस गणित की दूसरे वर्ष की छात्रा को उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित रूप से कविता लिखने को लेकर बीते 18 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उसके बाद से  वह गोलाघाट केंद्रीय कारागार में बंद थीं.

असम: हिरासत से कथित तौर पर भागने की कोशिश कर रहे दो लोगों की पुलिस गोलीबारी में मौत

असम के कछार ज़िले का मामला. बीते जून महीने में असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया था कि मई 2021 में हिमंता बिस्वा शर्मा के असम का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से 13 महीनों में पूरे राज्य में हिरासत से कथित तौर पर भागने के प्रयास के दौरान पुलिस कार्रवाई की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई.

13 महीनों में असम पुलिस की कार्रवाई में 51 लोगों की मौत, 139 घायल: राज्य सरकार

असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया कि मई 2021 में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद 13 महीनों में पूरे राज्य में पुलिस कार्रवाई या मुठभेड़ की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई और 139 अन्य घायल हो गए. हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अदालत की निगरानी में किसी स्वतंत्र एजेंसी से मुठभेड़ों की जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

असम: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के ख़िलाफ़ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला खारिज़

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी और एक ‘न्यूज़ लाइव’ समाचार चैनल द्वारा मई 2019 में हिमंता बिस्वा शर्मा के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया था. शर्मा उस समय असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे. उन पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. उनकी पत्नी ‘न्यूज़ लाइव’ की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हैं.

असम: एनआरसी संयोजक ने विदेशी न्यायाधिकरणों से कहा- 2019 में आई सूची फाइनल नहीं

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं थे. इस सूची के प्रकाशन के बाद से ही राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा और राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं.

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