मुक्तिबोध का हिंदी के केंद्रों से दूर रहकर भी साहित्य, विचार के केंद्र में रहना विस्मयकारी है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मुक्तिबोध साहित्य और जीवन संबंधी अपने विचार और स्थापनाएं रोज़मर्रा की ज़िंदगी में रसे-बसे रहकर ही व्यक्त और विकसित करते थे. ऐसे रोज़मर्रा के जीवन के कितने ही चित्र, प्रसंग और छवियां उनकी कविताओं और विचारों में गहरे अंकित हैं. 

मदद सामग्री लेने पहुंची भीड़ पर इज़रायली सेना ने गोलियां बरसाईं, 100 से अधिक की मौत

गाजा शहर में गुरुवार को सहायता दल से खाना लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाने की बात इज़रायली अधिकारियों ने भी स्वीकारी है. वहीं, फिलीस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नरसंहार ठहराते हुए कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत हुई और लगभग 760 लोग घायल हुए हैं.

इज़रायल के लिए हथियार ले जाने वाले जहाजों के लिए काम नहीं करेंगे: जल परिवहन श्रमिक संघ

प्रमुख भारतीय बंदरगाहों पर लगभग 3,500 श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि उसने इज़रायल या किसी अन्य देश से हथियारबंद कार्गो को लोड या अनलोड करने से इनकार करने का फैसला किया है, जो फिलिस्तीन के साथ युद्ध का हिस्सा हो सकते हैं.

अडानी समूह की हिस्सेदारी वाले उपक्रम के इज़रायल को निर्यात ड्रोन का इस्तेमाल गाज़ा नरसंहार में हुआ

इज़रायली रक्षा बलों द्वारा गाज़ा के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में हमलों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन हर्मेस 900 की आपूर्ति में एक भारतीय समूह की भूमिका मोदी सरकार की तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाली आधिकारिक स्थिति के विपरीत प्रतीत होती है.

यूएन विशेषज्ञों ने गाज़ा नरसंहार की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में शुरू होने का स्वागत किया

इज़रायल द्वारा गाज़ा में जारी नरसंहार के मामले को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया है, जिसका स्वागत करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि हम इस मामले को आईसीजे में लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की सराहना करते हैं, जब गाज़ा में फिलिस्तीनियों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.

इस भयावह समय में फ़िलिस्तीनी कविता सारी मनुष्यता का शायद सबसे मार्मिक और प्रश्नवाचक रूपक है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: फ़िलिस्तीनी कविता में गवाही, हिस्सेदारी और ज़िम्मेदारी एक साथ है. यह कविता मातृभूमि को भूगोल भर में नहीं, कविता में बचाने की कोशिश और संघर्ष है. दुखद अर्थ में यह कविता मानो फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि ही होती जा रही है- वह ज़मीन जिस पर कब्ज़ा नहीं किया जा सकेगा.

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने देश में नए साल के जश्न पर रोक लगाई

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने कहा कि फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार द्वारा नए साल के जश्न के किसी भी तरह के आयोजन पर सख़्त पाबंदी लगाई जाती है.

भारत-पाकिस्तान ने बातचीत से समाधान नहीं निकाला तो कश्मीर भी गाज़ा बन जाएगा: फ़ारुक़ अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारत-पाक के बीच कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पैरवी करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान का पीएम बनने की संभावना है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वे बातचीत को तैयार हैं. क्या वजह है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फिलिस्तीन समर्थक आवाज़ों को दबा रहा है मेटा: ह्यूमन राइट्स वॉच

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन आवाजों को अनुचित तरीके से दबाने और हटाने के एक पैटर्न का दस्तावेज़ीकरण किया है, जिसमें फिलिस्तीन के समर्थन में शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और मानवाधिकारों के बारे में बहस शामिल है.

हमारे देश ने अपनी नैतिक दिशा खो दी है

सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.

क्यूरेटर द्वारा फ़िलिस्तीन के समर्थन और इज़रायल की आलोचना पर जर्मन फोटो प्रदर्शनी रद्द

जर्मनी की फोटो प्रदर्शनी बिएननेल फर एक्चुएल फोटोग्राफी के 2024 के संस्करण के क्यूरेटर शाहिदुल आलम ने फिलिस्तीन के समर्थन में फेसबुक पर कुछ पोस्ट किए थे, जिन्हें यहूदी विरोधी मान लिया गया और आयोजन रद्द कर दिया गया. क्यूरेटर की ओर से एक बयान में कहा गया है कि यह नस्लवादी और भेदभावपूर्ण है. फासीवाद वर्तमान में लौट रहा है.

हिंसा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी हेकड़ी दिखा रही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बर और अमानवीय इजरायल गाज़ा में जो कर रहा है और जिस तरह से अनेक देश उसे चुप रहकर ऐसा करने दे रहे हैं, वे मनुष्यता और सभ्यता की विफलता के ताज़ा उदाहरण हैं.

जम्मू कश्मीर: श्रीनगर की जामिया मस्जिद में लगातार छठे शुक्रवार नमाज़ की अनुमति नहीं दी गई

मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.

गाज़ा की घेराबंदी मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है

फ़िलिस्तीन और इज़रायल की ख़ातिर, जो ज़िंदा हैं उनकी ख़ातिर और जो मारे गए उनके नाम पर, हमास के हाथों बंधक बनाए गए लोगों की ख़ातिर और इज़रायली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनियों की ख़ातिर, सारी इंसानियत की ख़ातिर, गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद होना चाहिए.

इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध: क्या है दोनों देशों के बीच संघर्ष का इतिहास

इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.

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