भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की टिप्पणी इस संबंध में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही जो करीब सात साल का न्यूनतम स्तर है.
कांग्रेस ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर के 4.7 फीसदी रहने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि ‘करो-ना’ वायरस ने इस सरकार को पंगु बना दिया है.
मूडीज ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में पिछले दो साल में सुस्ती आई है. हालांकि चालू तिमाही में आर्थिक गति सुधरने की उम्मीद है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया. इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटना है.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बुनियादी ढांचे पर खर्च आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है. वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यस्थाओं द्वारा समन्वित और समयबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है.
मूडीज के अलावा रिजर्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और सिंगापुर की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस बैंकिंग समूह ने भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटा दिया है.
लंदन स्थित वैश्विक सूचना प्रदाता आईएचएस मार्किट ने कहा कि सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किए गए उपायों का असर दिखने में कुछ समय लग सकता है.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो यह यकीन नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे. इस बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रहने को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नाकाफ़ी बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है लेकिन हमारे समाज की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है.
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमज़ोर प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रह गई. बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह सात प्रतिशत थी.
केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा कि लोग आर्थिक संकट का दावा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब कर रहे हैं. हर तीन साल में अर्थव्यवस्था में मांग में गिरावट होती है. यह एक चक्र है. इसके बाद अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर आ जाती है.
कोयला उत्पादन में 20.5 फीसदी, कच्चे तेल में 5.4 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 4.9 फीसदी तक की कमी आई. विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़ें आर्थिक मंदी की गंभीरता के संकेत हैं.
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपने बयान की आलोचना होने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुझे दुख है कि मेरे बयान के एक हिस्से को संदर्भों से काटकर दिखाया गया. एक संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते मैं अपना बयान वापस लेता हूं.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हर किसी ने आर्थिक वृद्धि का जो अनुमान जताया था, वह 5.5 प्रतिशत से कम नहीं था.