पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले, ‘जीडीपी के आंकड़े रहस्यमयी, इन्हें समझना मुश्किल’

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के नवीनतम आंकड़े आपस में मेल नहीं खाते हैं. उन्होंने घटते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सवाल उठाया कि अगर भारत निवेश के लिए इतना आकर्षक देश बन गया है तो अधिक निवेश क्यों नहीं आ रहा है?

केरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- भारत के कुल क़र्ज़ का 60 फीसदी केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है

शीर्ष अदालत में दिया गया केरल सरकार का यह बयान केंद्र सरकार के उस आरोप का जवाब था कि केरल ‘आर्थिक रूप से सबसे कमज़ोर राज्यों में से एक है.’ केरल ने कहा कि देश के कुल क़र्ज़ का बाकी 40 फीसदी हिस्सा सभी राज्यों का है. केरल ने केंद्र पर राज्यों को ग़रीबी में धकेलने वाली नीतियां बनाने और क़ानून में संशोधन करने का भी आरोप लगाया है.

आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, एमएसपी पर 2023 में कैसी रही मोदी सरकार की नीति?

वीडियो: साल 2023 में आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, खेती-किसानी, एमएसपी पर मोदी सरकार की अर्थनीति क्या रही है? द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि देश की सत्ता पर क़रीब 10 साल से क़ाबिज़ मोदी सरकार के तहत ज़्यादातर लोगों के जीवन में कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं आया है.

मार्च 2019 के बाद से विलफुल डिफॉल्टर्स के बकाया क़र्ज़ में सौ करोड़ रुपये रोज़ाना की वृद्धि: रिपोर्ट

जानबूझकर कर्ज़ ने चुकाने के मामले में मार्च 2019 के बाद से प्रति दिन सौ करोड़ रुपये की भारी वृद्धि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए उस दावे को पूरी तरह खारिज़ करती है, जहां उन्होंने कहा था यूपीए सरकार ने 'घोटालों' से बैंकिंग क्षेत्र को 'बर्बाद' कर दिया और उनकी सरकार ने इसके 'अच्छे वित्तीय स्वास्थ्य' को बहाल किया.

भारतीय जीडीपी में बढ़ती विसंगतियां विकास की झूठी कहानी की ओर इशारा करती हैं: विशेषज्ञ

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक़, वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही. हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि भारत के आधिकारिक जीडीपी आंकड़े भ्रामक हैं.

मोदी के तीसरे कार्यकाल में टॉप-3 में होगी भारत की अर्थव्यवस्था, इस खोखली गारंटी का पूरा सच

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की अर्थव्यवस्था को हमेशा आकार के लिहाज़ से पेश करते हैं, प्रति व्यक्ति आमदनी के लिहाज़ से नहीं. हाल ही में उन्होंने कहा कि उनके पहले कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में ‘10 नंबरी’ (10वें स्थान पर) थी. दूसरे कार्यकाल में 5वें नंबर पर थी. अब उन्होंने गारंटी दी है कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

मोदी सरकार के नौ साल में भारत पर क़र्ज़ कितना बढ़ा है?

वीडियो: बीते 9 साल में भारत का क़र्ज़ा अगर 100 लाख करोड़ बढ़ा है, तो यह गया कहां? क़र्ज़ बढ़ने का भारत के लोगों को क्या फायदा हुआ? बीते 9 साल में टैक्स कलेक्शन में 3 गुना की बढ़ोतरी हुई है? इसे किस तरह देखा जाना चाहिए?

गुजरात का क़र्ज़ बढ़कर 3.40 लाख करोड़ रुपये हुआ; विपक्ष, अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई

पिछले साल (कैग) ने यह देखते हुए कि राज्य 'क़र्ज़ के जाल में फंसता जा रहा है' बढ़ते सार्वजनिक ऋण को लेकर सरकार को चेताया था. इसका कहना था कि बढ़ते ऋण और घटते राजस्व को देखते हुए राज्य सरकार को ऋण चुकाने की एक सुविचारित रणनीति पर काम करना होगा.

अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत का स्थान घटकर 42वें स्थान पर पहुंचा

नवीनतम अतंरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक रिपोर्ट में भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है. इससे पहले 2021 में वह 40वें स्थान पर और 2014 में 25 देशों के आकलन में 25वें स्थान पर था.

क्या मोदी का 2004 से 2014 की अवधि को ‘बर्बाद दशक’ कहने का दावा सही है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 2004 से 2014 के दशक को 'लॉस्ट डेकेड' कहा था. यह पद अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में न के बराबर बढ़ोतरी को लेकर चलन में रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री ने भारत में जिस दशक के लिए इसे इस्तेमाल किया, उससे जुड़े आंकड़े इस अर्थ के विपरीत तस्वीर दिखाते हैं.

मोदी सरकार के नौ साल में प्रति भारतीय क़र्ज़ 2.53 गुना बढ़ा: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि ‘मोदीनॉमिक्स’ के कारण सरकार के क़र्ज़ में भारी वृद्धि ने आम लोगों को कुचल दिया है. उन्होंने कहा कि आज़ादी से लेकर 2014 तक देश पर 55 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ था. 2014 से 2023 के बीच यह बढ़कर 155 लाख करोड़ रुपये हो गया. आज हर नागरिक पर 1 लाख 9 हज़ार रुपये का क़र्ज़ है.

केंद्रीय मंत्री की ‘मंदी’ वाली टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने पूछा- प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री क्या छिपा रहे हैं

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को पत्रकारों से कहा था कि अगर भारत आर्थिक मंदी का सामना करता है तो यह जून के बाद ही होगा, लेकिन केंद्र ऐसी स्थिति से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. 

आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.

संसद में महंगाई पर बहस: विपक्ष और वित्त मंत्री सेब की तुलना संतरे से कर रहे हैं

संगठित क्षेत्र के प्रदर्शन के आधार पर अर्थव्यवस्था के सार्वभौमिक और व्यापक पुनरुद्धार का दावा करना बेहद भ्रामक है.

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