वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के उच्च न्यायालयों में 106 महिला जज और ज़िला और अधीनस्थ स्तर पर 7,199 महिलाएं काम कर रही हैं.
1963 में राज्य का दर्जा पाने वाले नगालैंड में अब तक चौदह विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन अब तक कोई महिला विधायक नहीं बनी थीं. इस बार उतरी चार प्रत्याशियों में से दीमापुर III सीट से हेकानी जखालु और पश्चिमी अंगामी से सालहुटुआनो क्रूस ने जीत दर्ज की है. दोनों सत्तारूढ़ एनडीपीपी की सदस्य हैं.
1963 में राज्य का दर्जा पाने वाले नगालैंड में अब तक चौदह विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं बनी है. आगामी विधानसभा चुनाव में चार महिला प्रत्याशी मैदान में हैं.
मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित रेड इंक अवॉर्ड्स, 2022 की विमेन एम्पावरमेंट एंड जेंडर इक्वॉलिटी और राजनीति श्रेणी (प्रिंट) में क्रमशः द वायर की सुकन्या शांता की जेलों में बंद ट्रांसजेंडर बंदियों की दशा पर की गई रिपोर्ट और सिद्धार्थ वरदराजन की पेगासस संबंधी रिपोर्ट को पुरस्कृत किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को पलटने से संबंधित निर्णय को महिलाओं के मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए 'बड़ा झटका' क़रार दिया है. वहीं यूएन विमेन ने कहा कि जब गर्भपात के लिए सुरक्षित और क़ानूनी पहुंच प्रतिबंधित की जाती है, तब महिलाएं कम सुरक्षित तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होती हैं, जिसके नतीजे विनाशकारी होते हैं.
पहले ‘अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस’ के कार्यक्रम में जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की संख्या बढ़ने के बावजूद निर्णय लेने वाले पदों पर महिलाओं का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व है. कार्यक्रम में जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि उच्च न्यायालयों के 680 न्यायाधीशों में 83 महिला न्यायाधीशों का होना बहुत कम संख्या है और निचली अदालतों में क़रीब 30 प्रतिशत महिला न्यायिक अधिकारी हैं.
पहले अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस के उपलक्ष्य में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में चार महिला न्यायाधीश हैं, जो इसके इतिहास में अब तक की सबसे अधिक संख्या है और निकट भविष्य में भारत पहली महिला प्रधान न्यायाधीश का गवाह बनेगा.
'हाउ इंडियंस व्यू जेंडर रोल्स इन फैमिलीज़ एंड सोसाइटी' नाम की इस रिपोर्ट को नवंबर 2019 और मार्च 2020 के बीच 29,999 भारतीय वयस्कों पर किए गए सर्वेक्षण के बाद प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा तैयार किया गया है. इसके अनुसार भारतीय राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं को देखने के इच्छुक हैं लेकिन घर और रोज़गार में लैंगिक असमानता का रवैया दिखाई देता है.
त्रिपुरा सरकार ने 2015 में एक अधिसूचना जारी कर शादीशुदा बेटियों को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी का लाभ पाने से प्रतिबंधित कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि विवाहित बेटी को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी के लाभ से वंचित करना संविधान की भावना के साथ-साथ लैंगिक समानता के ख़िलाफ़ है.
सुप्रीम कोर्ट पिछले साल महिलाओं को एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने अब केंद्र सरकार से पूछा है कि उसके आदेश के बावजूद वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला उम्मीदवारों की सीट 19 पर ही सीमित क्यों की गई है.
शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के अभिनंदन के लिए आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा ने कहा कि भारत को औपनिवेशिक युग के क़ानूनों और उनकी व्याख्या के कारण 70 साल से अधिक समय तक प्रभावित होना पड़ा है. बड़ी संख्या में क़ानून, बड़ी संख्या में व्याख्याओं पर फ़िर से ग़ौर करने की ज़रूरत है.
शीर्ष अदालत के नौ नवनियुक्त न्यायाधीशों के अभिनंदन के लिए आयोजित एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने कहा कि महिला न्यायाधीशों की अधिक संख्या महिलाओं की न्याय मांगने और अपने अधिकारों को लागू करने की इच्छा को बढ़ा सकती है. कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने महिला वकीलों से आह्वान किया कि वे न्यायपालिका में 50 प्रतिशत आरक्षण के लिए ज़ोरदार तरीके से मांग उठाएं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संघ लोक सेवा आयोग ने कहा कि उसने राष्ट्रीयता, आयु, शैक्षणिक योग्यता आदि मापदंडों पर खरी उतरने वाली अविवाहित महिला उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा के आवेदन की व्यवस्था करने का निर्णय किया है. पात्र महिलाएं आयोग की वेबसाइट पर 24 सितंबर से आठ अक्टूबर शाम छह बजे तक आवेदन कर सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए प्रवेश परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को अगले साल से शामिल करने की अनुमति के लिए केंद्र सरकार का अनुरोध अस्वीकार करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत नहीं चाहती कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जाए.