के. शारदामणि: महिला अध्ययन की पुरोधा समाजशास्त्री

स्मृति शेष: देश में महिला और जेंडर संबंधी अध्ययन को बढ़ावा देने वालों में से एक चर्चित समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री के. शारदामणि नहीं रहीं. शारदामणि ने न केवल महिला अध्ययन केंद्रों की शुरुआत करने में अहम भूमिका निभाई थी, बल्कि इंडियन एसोसिएशन फॉर विमेंस स्टडीज़ की स्थापना में भी योगदान दिया.

‘पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में काम कर रहीं महिलाएं समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़ती हैं’

दिल्ली में हुए एक कॉन्फ्रेंस में निर्माण कार्य, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, पशु चिकित्सक और कैब ड्राइवर जैसे पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए.