देश की अगली सरकार ‘अनावश्यक रूप से जटिल’ जीएसटी में सुधार करे: पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष

तेरहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष विजय केलकर ने देश की अगली सरकार से आह्वान करते हुए कहा है कि वह अनावश्यक रूप से जटिल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में तत्काल सुधार करे और जीएसटी की एक ही दर 12% रखे.

जीएसटी के पांच साल: इस जटिल कर व्यवस्था को और आसान बनाने की ज़रूरत है

पिछले पांच वर्षों में जीएसटी क़ानून निश्चित रूप से बदलाव हुए हैं और समय-समय पर संशोधनों के ज़रिये करदाताओं के सामने आने वाले कई मुद्दे स्पष्ट हुए हैं. लेकिन अब भी कई ऐसे मसले बाक़ी हैं जो जीएसटी व्यवस्था के अमल को प्रभावित करते हैं.

मार्च में सरकार को जीएसटी संग्रह के रूप में रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ रुपये मिले

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. रिकॉर्ड संग्रह के साथ यह संशोधित बजट लक्ष्य को पार कर गया है. केंद्र ने 2021-22 के लिए 5.70 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का संशोधित बजट लक्ष्य रखा था. इससे पहले जनवरी 2022 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.40 लाख करोड़ रुपये था.

पराठा रोटी नहीं है, इसलिए इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा: कर्नाटक एडवांस रूलिंग्स अथॉरिटी

बेंगलुरु की पके हुए खाद्य पदार्थ सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि गेहूं से बने पराठे और मालाबार पराठे (रोटी) पर एक समान जीएसटी दर लगाई जाए, जिसके बाद यह फ़ैसला आया है. जीएसटी नोटिफिकेशन के तहत रोटी पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता है.

कोरोना वायरस: लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो सकता है नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान

देश में लॉकडाउन के बाद विश्लेषकों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि तीन सप्ताह के राष्ट्रव्यापी बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा. नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर इसका असर सर्वाधिक पड़ेगा.