यूपी: निषाद पार्टी के सामने वीआईपी को खड़ा करना क्या भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है

उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद वोट अहम हो गए हैं, जिसे लेकर निषाद पार्टी अपने प्रभुत्व का दावा करती रही है. राज्य में 150 से अधिक विधानसभा सीटें निषाद बहुल हैं, ऐसे में यह समुदाय निर्णायक भूमिका में हो सकता है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ते ही निषाद वोटों पर अपने कब्ज़े को लेकर निषाद पार्टी और बिहार की विकासशील इंसान पार्टी के बीच खींचतान शुरू हो गई है.

कांग्रेस ने बनारस से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अजय राय को दिया टिकट

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट से मधुसूदन तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा. भाजपा ने गोरखपुर से अभिनेता रवि किशन को टिकट दिया है.

नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद भाजपा ने गोरखपुर से रवि किशन को टिकट क्यों दिया?

विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.

भाजपा ने रवि किशन को गोरखपुर से, प्रवीण निषाद को संत कबीर नगर से प्रत्याशी बनाया

संत कबीर नगर से सांसद शरद त्रिपाठी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. त्रिपाठी पिछले महीने संत कबीर नगर में एक बैठक के दौरान ज़िले की मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश बघेल को जूते से पीटने के बाद चर्चा में आए थे.

क्या योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट से ‘योग्य उम्मीदवार’ नहीं ढूंढ पा रही है भाजपा?

विशेष रिपोर्ट: पिछले उपचुनाव में गोरखपुर से मिली हार के चलते पूरे देश में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट अब पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे अधिक चिंता की सीट बन गई है.

द वायर बुलेटिन: केरल की वायनाड सीट से राहुल गांधी ने​ नामांकन दाख़िल किया

लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा में शामिल होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद भाजपा में शामिल

एक समाचार चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद ने लोकसभा चुनाव में काला धन ख़र्च करने की बात स्वीकार की और इस चुनाव में भी काले धन के इस्तेमाल से उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था.