सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चार अगस्त 2020 के आदेश में परिवर्तन करते हुए यह बात कही हैं. उस आदेश में शीर्ष न्यायालय ने कोरोना वायरस के जोख़िम को देखते हुए बुज़ुर्ग लोगों को भर्ती एवं इलाज में प्राथमिकता देने का निर्देश केवल सरकारी अस्पतालों को दिया था.
मामला नागपुर का है. 53 वर्षीय व्यक्ति 29 अगस्त को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे. नागपुर नगर निगम के आयुक्त ने कहा कि वह यह देखेंगे कि एंबुलेंस मिलने में देरी क्यों हुई, लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है.
मामला रीवा के संजय गांधी अस्पताल का है. 22 वर्षीय युवक को तीन अगस्त को भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि बाद में उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया. प्रबंधन ने उनकी जांच रिपोर्ट भी नहीं दी गई है और उनकी मौत के बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई.
मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
मामला कलबुर्गी ज़िले के गुलबर्गा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ का है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि अस्पताल का दरवाज़ा खुला रह गया था, मरीज़ों द्वारा कूड़े में फेंकी गई खाने-पीने की चीज़ें खोजते हुए सुअर अस्पताल में घुस आए थे. हालांकि वे कोविड वार्ड में नहीं घुसे थे.
मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
दिल्ली में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां एम्बुलेंस में रोगी को गंभीर हालत में लेकर परिजन कई घंटों और किलोमीटर तक विभिन्न अस्पतालों में भटकते रहे. ऐसे में एम्बुलेंस में उपलब्ध महज़ एक ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज़ की मदद के लिए नाकाफ़ी साबित हो रहा है.
मामला राजधानी दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल का है. अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी सरकारी अस्पतालों को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में दंगों के दौरान मरने वाले सभी लोगों के डीएनए नमूने संरक्षित करने और वीडियोग्राफी पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया. इन दंगों में करीब 53 लोगों की मौत हुई है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर ज़िले का मामला. सरकारी ब्लड बैंक का एक कर्मचारी बर्ख़ास्त और दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया. महिला के पति ने घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया.
हैदराबाद के 150 साल पुराने गांधी अस्पताल में डिलिवरी के दौरान पिछले हफ्ते में छह मौतें हो चुकी हैं.