तर्कवादी और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता 82 वर्षीय गोविंद पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में सुबह की सैर से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी एक हिंदू कट्टरपंथी समूह ‘सनातन संस्था’ के सदस्य हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की वर्ष 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके परिवार के सदस्यों की ओर से दायर अर्ज़ी स्वीकार कर जांच का ज़िम्मा महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को सौंपा था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में महाराष्ट्र के आपराधिक जांच विभाग के प्रयासों के बावजूद जांच की दिशा में 2015 से कोई प्रगति या सफलता नहीं दिखी, इसलिए जांच को राज्य के एटीएस को सौंपा जाना चाहिए. फरवरी 2015 में पानसरे को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि वामपंथी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को हस्तांतरित करने की मांग करने वाली परिजनों की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को निर्णय लेना चाहिए. अदालत ने कहा कि हम अंतहीन इंतजार नहीं कर सकते. हम इस पर फैसला चाहते हैं.
वामपंथी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की बहू ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2015 से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और जांच की स्थिति निराशाजनक है. इस पर अदालत ने महाराष्ट्र पुलिस के सीआईडी को पानसरे की 2015 में हुई हत्या की जांच में 2020 से अब तक हुई प्रगति की जानकारी देते हुए एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में गिरफ्तार शरद कालसकर ने 14 पेज के कबूलनामे में तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे की हत्या में भी शामिल होने की बात स्वीकार की है.
सीबीआई का कहना है कि गोविंद पानसरे की हत्या के अलावा शरद कालस्कर का नाम सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या के मामले में भी सामने आया था और इन मामलों में उसकी गिरफ़्तारी भी हो चुकी है.
सीबीआई ने बताया कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पुनालेकर, वकीलों के एक संगठन हिंदू विद्धिन्य परिषद के अध्यक्ष हैं जो कि सनातन संस्था का ही एक अनुसांगिक संगठन है. वहीं, विक्रम भवे पुनालेकर के ऑफिस में काम करता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे हत्या मामलों की धीमी जांच पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के पास गृह सहित 11 विभाग हैं लेकिन इस मामले को देखने के लिए उनके पास वक़्त नहीं है.
सीबीआई ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य ईएनटी सर्जन वीरेंद्र सिंह तावड़े, सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया है.
जालना नगर निगम के पूर्व पार्षद श्रीकांत पन्गारकर को बीते शनिवार की रात सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया. इस मामले के कथित मुख्य शूटर सचिन प्रकाशराव अंदुरे से पूछताछ के बाद पन्गारकर को पकड़ा गया.
सीबीआई ने बताया कि तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर पर गोली चलाने वालों में सचिन प्रकाशराव भी शामिल था. सचिन की संलिप्तता की जानकारी महाराष्ट्र एटीएस ने सीबीआई को दी थी.
केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि एनआईए इसलिए जांच नहीं कर सकती क्योंकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली विशेष एजेंसी है.