क्या भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़े आगामी संकट के लिए तैयार है

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट में इस बारे में विभिन्न पहलुओं को लेकर होने वाले बदलावों का आकलन किया गया है. हालांकि पर्यावरणविद मानते हैं कि इसमें कई महत्वपूर्ण बातें शामिल नहीं की गई हैं.

कार्बन उत्सर्जन मामले में भारत, चीन से बड़ी समस्या: माइक ब्लूमबर्ग

न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर और अरबपति कारोबारी माइक ब्लूमबर्ग अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा किए गए फैक्ट चेक में चीन द्वारा उत्सर्जन को धीमा करने के संदर्भ में उनका बयान गलत साबित हुआ.

जलवायु परिवर्तन के दायरे में दुग्ध उत्पादन भी, नहीं संभले तो अगले साल तक दिखने लगेगा असर

भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.

जलवायु परिवर्तन से कृषि पर पड़ रहा बुरा प्रभाव, 23 प्रतिशत तक कम हो सकता है गेहूं का उत्पादन

विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.