दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के मार्च के फैसले को चुनौती दी थी कि गुजरात विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री के बारे में जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के लिए केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि के मुक़दमे को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
गुजरात सरकार ने हाल ही में गुजरात कॉमन यूनिवर्सिटीज़ बिल के मसौदे की घोषणा की है, जिसे अगले महीने विधानसभा में पेश किया जा सकता है. इसे शिक्षा का 'सरकारीकरण' और स्वायत्तता को ख़तरा क़रार देते हुए छात्रों और शिक्षक संघ इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
बीते मार्च महीने में गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी देने को कहा था. इसके अलावा अदालत ने केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
गुजरात विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त एक कॉलेज की छात्रा ने आरटीआई दायर कर इंटर्नल परीक्षा के मार्कशीट की प्रतियां मांगी थीं, लेकिन संस्थान ने कहा कि पहले वे अपनी भारतीय नागरिकता साबित करें. छात्रा का कहना है कि संविधान या आरटीआई एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है और वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देंगी.
गुजरात यूनिवर्सिटी में 'द रिवाल्यूशनरीज: ए रिटेलिंग ऑफ इंडियाज हिस्ट्री' पर भाषण देते हुए भारत सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि अगर प्रथम विश्व युद्ध के लिए वे भारतीय सैनिकों को ब्रिटिश सेना में भेजने को तैयार थे तब उन्हें उसी तरह का काम करने को लेकर भगत सिंह से दिक्कत क्यों थी?