मुक्तिबोध का हिंदी के केंद्रों से दूर रहकर भी साहित्य, विचार के केंद्र में रहना विस्मयकारी है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मुक्तिबोध साहित्य और जीवन संबंधी अपने विचार और स्थापनाएं रोज़मर्रा की ज़िंदगी में रसे-बसे रहकर ही व्यक्त और विकसित करते थे. ऐसे रोज़मर्रा के जीवन के कितने ही चित्र, प्रसंग और छवियां उनकी कविताओं और विचारों में गहरे अंकित हैं. 

क्या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को मानेगा इज़रायल?

वीडियो: गाजा पर इज़रायल के हमले के बीच दक्षिण अफ्रीका ने इस पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख़ किया था, जिसने अपने निर्णय में इज़रायल को जेनोसाइड कन्वेंशन का पालन करने को कहा है. हालांकि इसने युद्धविराम का निर्देश नहीं दिया. फैसले की बारीकियों पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत.

आईसीजे ने इज़रायल से नरसंहार कन्वेंशन का पालन करने को कहा, सैन्य अभियान रोकने का निर्देश नहीं

दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मुक़दमा दायर करते हुए इससे युद्धविराम का निर्देश देने की मांग की थी.

इस भयावह समय में फ़िलिस्तीनी कविता सारी मनुष्यता का शायद सबसे मार्मिक और प्रश्नवाचक रूपक है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: फ़िलिस्तीनी कविता में गवाही, हिस्सेदारी और ज़िम्मेदारी एक साथ है. यह कविता मातृभूमि को भूगोल भर में नहीं, कविता में बचाने की कोशिश और संघर्ष है. दुखद अर्थ में यह कविता मानो फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि ही होती जा रही है- वह ज़मीन जिस पर कब्ज़ा नहीं किया जा सकेगा.

हमारे देश ने अपनी नैतिक दिशा खो दी है

सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.

18,000 फ़िलिस्तीनियों की हत्या के बाद जागा भारत, संयुक्त राष्ट्र में दिया वोट

वीडियो: बीते दिनों भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एक नए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें गाज़ा में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया था. अक्टूबर माह में भारत ने ऐसे ही एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. इस बीच इज़रायल के हमले में 18,600 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.

मुंबई आतंकी हमले के 15 साल बाद इज़रायल ने लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाया

26 नवंबर 2008 की रात लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन के दस सदस्य मुंबई शहर में घुस गए थे और अगले चार दिनों के दौरान उनकी आतंकी कार्रवाई में 166 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक घायल हुए थे. हमले में चार इज़रायली नागरिक भी मारे गए थे.

जिंदल विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन पर​ व्याख्यान में की गई टिप्पणी पर पूर्व प्रोफेसर क़ायम

लेखक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अचिन वानाइक ने कहा कि फिलिस्तीन पर एक व्याख्यान को लेकर हरियाणा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने उनसे खेद जताने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि इस दौरान हिंदुत्व और इसके मुस्लिम विरोधी होने पर की गई उनकी टिप्पणी आपत्तिजनक थी.

गाज़ा की घेराबंदी मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है

फ़िलिस्तीन और इज़रायल की ख़ातिर, जो ज़िंदा हैं उनकी ख़ातिर और जो मारे गए उनके नाम पर, हमास के हाथों बंधक बनाए गए लोगों की ख़ातिर और इज़रायली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनियों की ख़ातिर, सारी इंसानियत की ख़ातिर, गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद होना चाहिए.

क़ब्ज़ाए गए क्षेत्रों में ‘इज़रायली बस्तियों’ के ख़िलाफ़ यूएन प्रस्ताव को भारत का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र का मसौदा प्रस्ताव बीते 9 नवंबर को भारी बहुमत से पारित किया गया. इसका शीर्षक ‘पूर्वी येरुशलम सहित क़ब्ज़ा किए गए फिलिस्तीनी क्षेत्र और सीरियाई गोलान में इज़रायली बस्तियां’ था. बीते 28 अक्टूबर को भारत ने जॉर्डन-मसौदा प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी, जिसमें शत्रुता की समाप्ति के लिए संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था.

युद्ध, नरसंहार और बर्बरता पर लेखक व अन्य सृजनधर्मी चुप या निष्पक्ष नहीं रह सकते

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बरता के लोकव्यापीकरण के इस युग में शक्तिशाली देश, जो मिनटों में युद्ध समाप्त करने की सैन्य और राजनयिक क्षमता रखते हैं, चुपचाप विभीषिका देख रहे हैं. सृजनधर्मियों के लिए यह बर्बरता और हिंसा के विरुद्ध आवाज़ उठाकर अपनी पक्षधरता सत्यापित करने का समय है.

इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध: क्या है दोनों देशों के बीच संघर्ष का इतिहास

इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.

गाज़ा बच्चों के लिए क़ब्रिस्तान बनता जा रहा है: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाज़ा पट्टी में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए कहा है कि हर गुज़रते घंटे के साथ सामने आ रही तबाही युद्ध विराम की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना देती है. इस दौरान उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 200 से अधिक इज़रायलियों की रिहाई का आह्वान भी दोहराया.

इज़रायल का गाज़ा में ‘फ़िलिस्तीनी शव के हिलने’ का दावा झूठा निकला

फैक्ट-चेक: इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष के बीच लगातार साझा की जा रही फ़र्ज़ी ख़बरों के बीच इज़रायल समर्थकों ने एक वीडियो क्लिप में एक फ़िलिस्तीनी व्यक्ति के 'शव के हिलने' का दावा करते हुए मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाया गया था. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा ग़लत पाया गया है.

इज़रायल और फिलिस्तीन के 2000 साल के इतिहास की कहानी

वीडियो: इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. कैसे इज़रायल और फिलिस्तीन अस्तित्व में आए, दोनों देशों का 2000 साल का इतिहास क्या है, कैसे यहूदियों को पनाह देने वाले फिलिस्तीन को यहूदियों के राष्ट्र इज़रायल ने ही उजाड़ दिया, बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.

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