दुनियाभर में जेल में बंद पत्रकारों की संख्या इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची: सीपीजे रिपोर्ट

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1 दिसंबर, 2022 तक दुनियाभर के 363 रिपोर्टर/पत्रकार अपने काम के चलते विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा जेल में बंद किए गए हैं. इनमें भारत के सात पत्रकार भी शामिल हैं, जिनमें से तीन एक साल से भी अधिक समय से जेल में हैं.

मणिपुर: एनआईए पर संपादक का उत्पीड़न करने का आरोप, पत्रकारों ने विरोध जताया

आरोप है कि एनआईए ने सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक डब्ल्यू. श्यामजई को दो अगस्त को अपने कार्यालय में तलब किया था. दोपहर तक बिना बातचीत किए उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.

राज्यसभा में मुस्लिम विरोधी नफ़रती भाषण का मुद्दा उठा, सभापति ने समुदाय का नाम हटाने को कहा

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, लुइजिन्हो जोआकिम फ्लेरियो और मोहम्मद नदीमुल हक़ के साथ बढ़ती कीमतों और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषणों के साथ पत्रकारों के उत्पीड़न का मसला उठाया था.

इस साल दुनिया भर में रिकॉर्ड संख्या में पत्रकारों को जेल में डाला गया या हत्या हुई: रिपोर्ट

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक दिसंबर 2021 तक दुनियाभर में 293 पत्रकार अपने काम के लिए विभिन्न देशों की जेलों में बंद थे. यह लगातार छठा साल रहा, जब ढाई सौ से अधिक पत्रकार जेल में बंद रहे.