किसी भी जाति का व्यक्ति मंदिर का पुजारी बन सकता है: उत्तराखंड हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में ऊंची जाति का कोई पुजारी अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी व्यक्ति की तरफ से पूजा करने से इनकार नहीं कर सकता है.