अस्पताल में देर से भर्ती, बढ़ता प्रदूषण कोरोना मरीज़ों की मौत में वृद्धि के कारण: विशेषज्ञ

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों के चिकित्सकों ने चिंता ज़ाहिर की है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 से रोज़ाना 100 से अधिक मौतें हुई हैं. नई दिल्ली: विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 मरीजों को अस्पताल में देर से भर्ती करने के कारण उनकी हालत गंभीर होने, आईसीयू बिस्तरों की कमी, प्रतिकूल मौसम और बढ़ता प्रदूषण दिल्ली में कोरोना वायरस संबंधी मौत के मामलों में वृद्धि के मुख्य

दिल्ली सरकार का निर्देश, 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखें निजी अस्पताल

अगस्त के अंतिम सप्ताह से दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. बीते चौबीस घंटे में दिल्ली में कोरोना के 4,235 नए मामलों के सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की कुल संख्या 2,18,304 तक पहुंच गई है.

कर्नाटकः बेंगलुरु के शीर्ष अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखे गए 97 फीसदी कोरोना मरीज़ों की मौत

मामला बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल का है. यहां वेंटिलेटर पर रखे मरीज़ों की मृत्यु दर ब्रिटेन, अमेरिका और इटली जैसे देशों में हुई ऐसी स्थिति में हुई मौतों की तुलना में बहुत अधिक है. इटली में कोरोना के चरम पर होने पर वहां वेंटिलेटर पर मरीज़ों की मृत्यु दर 65 फीसदी थी.