17 आईआईएम ने पाठ्यक्रम का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के सरकार के आदेश को नज़रअंदाज़ किया

अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.

5 सालों में 19 हज़ार से ज़्यादा एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों ने केंद्रीय शिक्षण संस्थान छोड़े: केंद्र

राज्यसभा में  एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि पिछले पांच सालों में 6,901 ओबीसी, 3,596 एससी और 3,949 एसटी छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से ड्रॉपआउट किया. इसी  अवधि में 2,544 ओबीसी, 1,362 एससी और 538 एसटी छात्र आईआईटी छोड़कर गए.

पिछले पांच वर्षों में आईआईटी के 33 छात्रों ने आत्महत्या की

सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में 2018-2023 की अवधि के दौरान आत्महत्या के कुल 61 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के आधे से अधिक मामले आईआईटी में सामने आए हैं. इसके बाद एनआईटी और आईआईएम का नंबर आता है.

आईआईटी में फैकल्टी के 4,502 और आईआईएम में 493 पद ख़ाली: सरकार

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया है कि देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में 11,000 से अधिक फैकल्टी पद ख़ाली हैं. सरकार ने लोकसभा को यह भी बताया कि एक नवंबर तक देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 12,723 शिक्षक पद और 1,422 ग़ैर-शिक्षक पद रिक्त पड़े थे.

आईआईएम के छात्रों-शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को लिखा- आपके मौन ने नफ़रती आवाज़ों को साहस दिया

बेंगलुरु और अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम ) के छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे विभाजनकारी ताक़तों को दूर रखते हुए देश को आगे ले जाने का आग्रह किया है. एक सदस्य ने कहा कि पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों का उद्देश्य इस बात को रेखांकित करना है कि अगर नफ़रत को बढ़ावा देने वालों की आवाज़ें तेज़ हैं, तो तार्किक आवाज़ें भी तेज़ होनी चाहिए.

आईआईटी, आईआईएम समेत उच्च शिक्षण संस्थानों में 2014-21 के बीच 122 छात्रों ने आत्महत्या की: केंद्र

लोकसभा में दिए गए इस आंकड़े में अनुसूचित जाति वर्ग के 24, अनुसूचित जनजाति वर्ग के तीन, अन्य पिछड़ा वर्ग के 41 छात्र तथा अल्पसंख्यक वर्ग के तीन छात्र शामिल हैं.

केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी व आईआईएम में शिक्षकों के क़रीब 9,800 पद ख़ाली: केंद्र

शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 6,229 पद जबकि ग़ैर-शिक्षण श्रेणी में 13,782 पद ख़ाली हैं. आईआईटी में शिक्षकों के 3,230 व ग़ैर-शिक्षण वर्ग में 4,182 पद रिक्त हैं. इसके अलावा आईआईएम में शिक्षकों के 403 पद ख़ाली हैं. 

मोदी सरकार को समझना चाहिए कि उच्च शिक्षा संस्थान जनसंपर्क कार्यालय नहीं होते

सीसीएस जैसे क़ानूनों का उद्देश्य उच्च शिक्षा के उद्देश्यों को ही ध्वस्त कर देना है. उच्च शिक्षा में विकास तब तक संभव नहीं है जब तक विचारों के आदान-प्रदान की आज़ादी नहीं हो. अगर इन संस्थाओं की ये भूमिका ही समाप्त हो जाए तो उच्च शिक्षा की आवश्यकता ही क्या रहेगी? शिक्षक और शोधार्थी सरकारी कर्मचारी की तरह व्यवहार नहीं कर सकते.

भारतीय प्रतिभाएं दुनिया को आकर्षित करती हैं, लेकिन गिने-चुने ही मानवता के काम आ सके: प्रणब

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, मेडिकल के क्षेत्र में तैयार प्रतिभाएं बड़ी-बड़ी कंपनियों में चली जाती हैं. लेकिन सीवी रमण के बाद किसी भारतीय को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है.

बजट 2018: वादों और दावों की भूलभुलैया

दो हज़ार करोड़ के फंड के साथ पचास करोड़ लोगों को बीमा देने की करामात भारत में ही हो सकती है. यहां के लोग ठगे जाने में माहिर हैं. दो बजट पहले एक लाख बीमा देने का ऐलान हुआ था, आज तक उसका पता नहीं है.

क्यों आईआईएम में वंचित समुदाय से आने वाले शिक्षकों के लिए जगह नहीं है?

एक सर्वे के अनुसार, देश के छह आईआईएम में जुलाई 2015 तक कुल 233 शिक्षक थे. इनमें से सिर्फ़ दो अनुसूचित जाति और पांच अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. अनुसूचित जनजाति से कोई भी शिक्षक यहां नहीं था.