जम्मू कश्मीर: सरकारी ज़मीन हस्तांतरण के विरोधी भाजपा नेता ख़ुद अवैध क़ब्ज़ाधारक निकले

सूचना का अधिकार के तहत हासिल जवाब में पाया गया कि दो अन्य लोगों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता राजस्व विभाग के दस्तावेज़ों में साल 2010 से 2017 के दौरान राज्य में सरकारी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ेधारक के रूप में पाए गए हैं. हालांकि गुप्ता ने इससे इनकार किया है.

पीएम के साथ बैठक में पूर्ण जम्मू कश्मीर राज्य एजेंडे में सबसे ऊपर होगा: ग़ुलाम नबी आज़ाद

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा के गठबंधन ‘गुपकर’ ने भी इस बैठक में शामिल होने की बात कही है.

जम्मू कश्मीर: विभाजन के बाद पहली बार केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, परिसीमन पर चर्चा की संभावना

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.

अमित शाह और मनोज सिन्हा की मुलाकात के बाद जम्मू कश्मीर में बड़े बदलाव की अटकलें

केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते छह जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक बैठक में शामिल हुए थे. इसके बाद से एक तरफ़ जहां जम्मू को अलग राज्य बनाने की अफ़वाह गर्म है, दूसरी ओर ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकती है.

रोशनी क़ानून पर पुनर्विचार याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाईकोर्ट से फ़ैसला लेने कहा

रोशनी क़ानून निरस्त करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिकाएं सुनने से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो समानांतर कार्यवाही नहीं चल सकतीं. सभी याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार करने वाली पीठ के पास जाना चाहिए और उच्च न्यायालय को इन सभी को सुनना चाहिए.

जम्मू कश्मीर: क्या है रोशनी क़ानून और इसे लेकर विवाद क्यों मचा हुआ है

साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार सरकारी ज़मीन पर काबिज़ लोगों को उसका मालिकाना हक़ दिलाने के लिए रोशनी क़ानून लेकर आई थी. साल 2014 में कैग ने इसे 25 हज़ार करोड़ का घोटाला क़रार दिया. अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.