असम में एनआरसी का प्रकाशन बीते कुछ समय से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है. एक बड़ा तबका इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार को ज़िम्मेदार मानता है, लेकिन यह सच नहीं है.
वीडियो: असम में चल रही एनआरसी के कारण भले ही इसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है, लेकिन इसकी जड़ें बेहद पुरानी हैं. एनआरसी से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बता रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
विशेष रिपोर्ट: एनआरसी का पहला मसौदा जारी होने के बाद से अमित शाह समेत कई भाजपा नेता 'घुसपैठियों' को निकालने के लिए पूरे देश में एनआरसी लाने की पैरवी कर रहे थे. अब असम में एनआरसी के प्रकाशन से पहले भाजपा ने इसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर एनआरसी मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश से घुसपैठियों को निकालने की शुरुआत असम से की जाएगी.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दीमक वाले बयान पर बांग्लादेश ने जताई आपत्ति. बांग्लादेश के सूचना मंत्री ने कहा कि अमित शाह भारत-बांग्लादेश संबंधों पर बात करने के लिए योग्य नहीं हैं.