लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान डाकघर विधेयक 2023 पर निराशा व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नागरिकों की जासूसी करने के लिए मनमानी शक्तियां मांग रही है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से हमारी सरकार ने ख़ुद को जज, जूरी और जल्लाद बनाने की मांग की है.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक डाक विभाग ने साल 2017-18 में डाक टिकट बेचकर 366.69 करोड़ रुपये कमाए थे. लेकिन साल 2018-19 में ये राशि पिछले साल के मुकाबले 78.66 प्रतिशत घटकर 78.25 करोड़ रुपये ही रह गई.
भारतीय डाक यानी इंडिया पोस्ट ने वित्त वर्ष 2018-19 में वेतन और भत्तों पर 16,620 करोड़ रुपये ख़र्च किए. इसमें पेंशन का ख़र्च 9,782 करोड़ रुपये भी जोड़ दें तो कुल ख़र्च 26,400 करोड़ रुपये हो जाता है.