‘लोकतंत्र में गिरावट’ के रिसर्च पेपर की जांच के लिए अशोका यूनिवर्सिटी पहुंचा इंटेलिजेंस ब्यूरो

हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के शिक्षक सब्यसाची दास ने एक रिसर्च पेपर में 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘हेरफेर’ की संभावना ज़ाहिर की थी, जिस पर विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. सोमवार को इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी उनसे बात करने के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी पहुंचे थे.

जम्मू कश्मीर: सरकार ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगाई

स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.

कोई भी पक्ष हो, नफ़रत भरे भाषण के मामलों से समान रूप से निपटेंगे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नफ़रत भरे भाषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हम बहुत स्पष्ट हैं, चाहे वह एक पक्ष हो या दूसरा पक्ष, उनके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए. अगर कोई ऐसे मामलों में लिप्त होता है, तो उनसे कानून के अनुसार निपटा जाएगा.

डिजिटल तानाशाही पर आई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत का ज़िक्र आया

'तानाशाही प्रथाओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल' को दर्ज करने वाले 'अनफ्रीडम मॉनिटर' प्रोजेक्ट में 20 देश शामिल थे. रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ पार्टी और उनके 'फॉलोवर्स' का ज़िक्र 'सूचना को नियंत्रित करने की मांग करने वाली सरकारों' पर हुई चर्चा में किया गया है.

अशोका यूनिवर्सिटी: ‘गवर्निंग बॉडी के दख़ल के चलते स्कॉलर डर के माहौल में काम करने को मजबूर’

अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के शिक्षक सब्यसाची दास ने एक रिसर्च पेपर में 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘हेरफेर’ की संभावना ज़ाहिर की थी, जिस पर विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब अर्थशास्त्र विभाग ने कहा है कि इस पेपर पर विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी की प्रतिक्रिया संस्थागत उत्पीड़न है.

‘आज़ादी के सात दशकों में उन सिद्धांतों पर काम नहीं किया गया जिनके बल पर देश आज़ाद हुआ था’

साक्षात्कार: इतिहासकार, शिक्षाविद और नारीवादी उमा चक्रवर्ती देश की आज़ादी के समय छह साल की थीं. शिक्षा, समाज सेवा, फिल्म निर्माण जैसे क्षेत्रों में व्यापक काम कर चुकीं उमा का कहना है कि आज धर्म के आधार पर हो रही लिंचिंग, दंगे आदि स्वतंत्रता आंदोलन और उससे जुड़े वादों के साथ धोखा हैं.

निरंतर विभाजित किए जा रहे भारत में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन पाखंड है

‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ को राजनीतिक एजेंडा कहना ज़्यादा बेहतर है. जहां इसके सरकारी आयोजन से जुड़ी प्रदर्शनी की सामग्री में विभाजन की त्रासदी में मुसलमानों से जुड़ा कोई दुखद पहलू प्रदर्शित नहीं किया गया है, वहीं आयोजक अतिथियों को 'अखंड भारत' के नक़्शे वाले स्मृति चिह्न भेंट करते दिखे.

आज देश में स्वतंत्रता बची है या महज़ स्वतंत्रता का धोखा?

समानता के बिना स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के बिना समानता पूरी नहीं हो सकती. बाबा साहब आंबेडकर का भी यही मानना था कि अगर राज्य समाज में समानता की स्थापना नहीं करेगा, तो देशवासियों की नागरिक, आर्थिक और राजनीतिक स्वतंत्रताएं महज धोखा सिद्ध होंगी.

सब्यसाची दास के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग से एक अन्य प्रोफेसर का इस्तीफ़ा

हाल ही में हरियाणा स्थित निजी अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर सब्यसाची दास ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. वह एक शोध-पत्र के लिए चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में ‘हेरफेर’ की संभावना का आरोप लगाया था. यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने कहा कि अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर पुलाप्रे बालाकृष्णन ने सब्यसाची के साथ ‘एकजुटता दिखाते हुए’ इस्तीफ़ा देने का फैसला किया है.

‘हमें आज़ादी तो मिल गई है पर पता नहीं कि उसका करना क्या है’

हमारी हालत अब भी उस पक्षी जैसी है, जो लंबी क़ैद के बाद पिंजरे में से आज़ाद तो हो गया हो, पर उसे नहीं पता कि इस आज़ादी का करना क्या है. उसके पास पंख हैं पर ये सिर्फ उस सीमा में ही रहना चाहता है जो उसके लिए निर्धारित की गई है.

2019 के चुनावों में संभावित ‘हेरफेर’ संबंधी शोध-पत्र के लेखक का अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफ़ा

हरियाणा के सोनीपत स्थित निजी अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर सब्यसाची दास ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. वह एक शोध-पत्र के लिए चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में ‘हेरफेर’ की संभावना का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा 2014 की तुलना में अधिक अंतर के साथ सत्ता में वापस आई थी.

15 अगस्त 1947 के भारत के मुक़ाबले आज देश कहीं अधिक विभाजित है

हिंदुस्तान में जगह-जगह दरारें पड़ रही हैं या पड़ चुकी हैं. यह कहना बेहतर होगा कि ये दरारें डाली जा रही हैं. पिछले विभाजन को याद करने से बेहतर क्या यह न होगा कि हम अपने वक़्त में किए जा रहे धारावाहिक विभाजन पर विचार करें और उसे रोकने को कुछ करें? 

शाकाहारी थाली की लागत में 34% की बढ़ोतरी, टमाटर के बढ़े हुए दाम बने कारण: रिपोर्ट

क्रिसिल की एक रिपोर्ट बताती है कि जुलाई माह में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ीं. शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर के दाम रहे.

एलजी को सरकार से अधिक शक्ति देने वाला विधेयक पारित, केजरीवाल बोले- लोकतंत्र के लिए काला दिन

विवादित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा के बाद अब राज्यसभा ने भी पारित कर दिया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे चोर दरवाज़े से शासन छीनने की कोशिश क़रार देते हुए भारत में लोकतंत्र के लिए 'काला दिन' बताया है.

मोदी सरनेम केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल

सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सज़ा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने भी उनकी सदस्यता की बहाली को मंज़ूरी दे दी.

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