इस साल मई में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.28 फीसदी हुई: सरकारी आंकड़े

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए. मई 2019 में खाद्य महंगाई दर 1.83 फीसदी थी.

लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के नरेंद्र मोदी के दावे में दम नहीं है

अगले छह महीनों में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेज़ी से होने वाले जिस सुधार को लेकर प्रधानमंत्री इतने आश्वस्त हैं, वह भारी-भरकम सरकारी ख़र्च के बिना असंभव लगता है. अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है कि सुधार की कोई कार्य योजना पेश करने से पहले गंभीरता से इसका अध्ययन करना ज़रूरी है.

तीन में से एक छोटा उद्योग बंद होने की कगार पर: सर्वे

ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा कराया गया ये सर्वे एमएसएमई, स्व-रोजगार, कॉरपोरेट सीईओ और कर्मचारियों से प्राप्त कुल 46,525 जवाबों पर आधारित है.

एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा गारंटी फ्री लोन समस्या का समाधान नहीं है

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रम यानी एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के गारंटी फ्री लोन का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि यह बेरोज़गारी के संकट को ख़त्म करने में मददगार साबित होगा और बाज़ार में मांग पैदा करेगा, लेकिन इस क्षेत्र के हालात ऐसे नहीं है कि सिर्फ एक लोन पैकेज से तस्वीर बदल जाए.

लॉकडाउन के चलते विनिर्माण गतिविधियां अप्रैल में रिकॉर्ड निचले स्तर पर: रिपोर्ट

आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक अप्रैल में गिरकर 27.4 अंक रह गया. इस सूचकांक का 50 अंक से ऊपर रहना कारोबारी गतिविधियों में विस्तार, जबकि उसके नीचे रहना गतिविधियों के कमजोर पड़ने को दर्शाता है.

छह सालों में बैंक ऑफ बड़ौदा का एनपीए छह गुना और इंडियन बैंक का चार गुना बढ़ा: आरटीआई

आरटीआई से पता चला है कि बैंकों ने एसएमएस अलर्ट सेवा शुल्क, न्यूनतम शेष शुल्क, लॉकर शुल्क, डेबिट-क्रेडिट कार्ड सेवा शुल्क, खाता बही से बड़ी राशि अर्जित की है.

कोरोना से भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका, 2020-21 में जीडीपी घटकर 2.8 फीसदी रहने का अनुमानः विश्व बैंक

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर का कहना है कि अगर भारत में लॉकडाउन अधिक समय तक जारी रहता है तो देश में आर्थिक स्थिति विश्व बैंक के अनुमान से अधिक बुरी हो सकती है.

कोरोना: देश की अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के चक्रव्यूह से कैसे निकालेंगी केंद्र और राज्य सरकारें

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि भारत बाकी देशों की तरह लगातार चल रहे एक पूर्ण लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए बड़ा आर्थिक पैकेज नहीं दे सकता तो उन्हें ज़रूरी तौर पर लॉकडाउन में छूट देने के बारे में सोच-समझकर अगला क़दम उठाना चाहिए.

कोरोना वायरस: लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो सकता है नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान

देश में लॉकडाउन के बाद विश्लेषकों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि तीन सप्ताह के राष्ट्रव्यापी बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा. नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार झेलने वाले असंगठित क्षेत्र पर इसका असर सर्वाधिक पड़ेगा.

मोबाइल फोन पर जीएसटी 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया, 1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें

जीएसटी परिषद की बैठक में साझा किए गए अप्रैल-फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, संरक्षित राजस्व और राज्यों को होने वाले राजस्व के बीच राजस्व अंतर औसतन 14 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 80 हजार करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, लेकिन राज्यों को 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.

बीते चार महीनों में फरवरी में सर्वाधिक रही बेरोज़गारी दर

भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक भारत की बेरोज़गारी दर फरवरी 2020 में 7.78 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अक्टूबर 2019 के बाद से सबसे ज़्यादा है.

40 साल में पहली बार उपभोक्ता खर्च में आई कमी की रिपोर्ट जारी नहीं करेगा एनएसओ

यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर सर्वे पूरा होने के बाद एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है. वहीं, सरकार ने रिपोर्ट को रद्द करने से पहले एनएससी से परामर्श नहीं किया था.

जीएसटी कर संग्रह में कमी की वजह से हो रही राज्यों को भुगतान में देरी: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी राज्यों को 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति देने में देरी हो रही है... हम इसे समय पर नहीं दे पा रहे हैं. ऐसा कुछ नहीं है कि मैं फलाने राज्य को पसंद नहीं करती, इसीलिए मैं उस राज्य को हिस्सा नहीं दूंगी... लेकिन अगर राजस्व संग्रह कम रहता है, निश्चित रूप से राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी कम होगी.

एनआरसी, सीएए, एनपीआर की बात होगी, लेकिन मोदी बेरोज़गारी पर एक शब्द नहीं बोलते: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वे किसी भी यूनिवर्सिटी में जाकर युवाओं के सवालों के जवाब दे दें. ये सवाल बेरोज़गारी, देश को बांटने, देश की छवि ख़राब करने से जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे पाएंगे.

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