बिलकिस बानो को दो हफ़्तों के अंदर मुआवज़ा, सरकारी नौकरी और घर दे राज्य सरकार: सुप्रीम कोर्ट

इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को मुआवज़ा और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया था. बिलकिस ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि अब तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है.

न्याय व्यवस्था के लिए नियुक्तियां-तबादले अहम, इनमें हस्तक्षेप ठीक नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने जस्टिस अकील कुरैशी की पदोन्नति के मामले में कॉलेजियम की सिफ़ारिश लागू करने का केंद्र को निर्देश देने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.

प्रख्यात अधिवक्ता और पूर्व क़ानून मंत्री राम जेठमलानी का निधन

राम जेठमलानी को कई विवादित मामलों का केस लड़ने के लिए जाना जाता है. उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारों के पक्ष में केस लड़ा था. इसके अलावा सोहराबुद्दीन शेख़ एनकाउंटर मामले में वह अमित शाह और हवाला मामले में लाल कृष्ण आडवाणी की भी पैरवी कर चुके हैं.

आपराधिक मानहानि क़ानून ख़त्म होना चाहिए, राजद्रोह क़ानून की हो समीक्षा: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद जजों की नियुक्तियों को लेकर एक सीमा तय होनी चाहिए.

जज पदोन्नति: जस्टिस लोकुर ने कॉलेजियम के 12 दिसंबर के निर्णय को सार्वजनिक न करने पर निराशा जताई

12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस राजेंद्र मेनन की पदोन्नति करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 10 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना को पदोन्नत किया.

जजों की नियुक्ति: एनजेएसी क़ानून को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.

कॉलेजियम ने पदोन्नति के लिए जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की फिर की सिफ़ारिश

केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने में जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफ़ारिश संबंधी फाइल कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश को लौटा दी थी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नाम को मंज़ूरी दे दी थी.

स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना कोई भी लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता: जस्टिस चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर सेवानिवृत्त. चार न्यायाधीशों की अपनी ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में कहा कि मुझे बागी, काम बिगाड़ने वाला, वामपंथी और राष्ट्रद्रोही भी कहा गया लेकिन मैंने जनता के प्रति अपना दायित्व निभाया.

न्याय व्यवस्था पूर्ण बदलाव की गुहार लगा रही है: जस्टिस गोगोई

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की किताब के विमोचन के अवसर पर ​जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम आज जो करेंगे उसका असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा.

न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ख़तरा महाभियोग से नहीं, सत्तापक्ष के दख़ल से है

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग लाया गया तो ऐसा माहौल बना जैसे ऐसा करने से जनता का न्याय से विश्वास उठ जाएगा और लोकतंत्र ख़तरे में पड़ जाएगा.

जज लोया मामला: कांग्रेस ने फ़ैसले पर उठाए सवाल, भाजपा ने कहा- याचिकाओं के पीछे राहुल का हाथ

जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व ख़तरे में, कार्यपालिका से असंतोष का अंजाम भोगना होगा: जस्टिस जोसेफ

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा है, 'नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम कीअनुशंसाओं पर सरकार का कुंडली मारकर बैठे रहना कानूनन सत्ता का दुरुपयोग है.'

भौंकने से लोकतंत्र न बचे तो काटने के सिवा कोई चारा नहीं होगा: जस्टिस कुरियन जोसेफ

जस्टिस जोसेफ ने न्याय व्यवस्था और मीडिया को लोकतंत्र का पहरेदार बताया. साथ ही कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वे सरकार द्वारा दिया कोई भी काम स्वीकार नहीं करेंगे.

न्यायपालिका और सरकार के बीच भाईचारा लोकतंत्र के लिए मौत की घंटी: जस्टिस चेलमेश्वर

जस्टिस चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखे एक पत्र में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा सरकार के इशारे पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के खिलाफ शुरू की गई जांच पर सवाल उठाए हैं.

क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीन रही है मोदी सरकार?

केंद्र सरकार पर न्यायिक नियुक्तियों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं. बीते कुछ सालों में हुई नियुक्तियों पर गौर करें तो ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं जो भविष्य की एक ख़तरनाक तस्वीर बनाते हैं.

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