‘1992 के अपराधी आज के राष्ट्रवादी हो चले हैं’

वीडियो: टीवी मीडिया में क़रीब दो दशकों तक काम करने वाले दयाशंकर मिश्र द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लिखी गई किताब के विमोचन समारोह में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का वक्तव्य.

क्यों एक पत्रकार को राहुल गांधी पर किताब लिखने के चलते इस्तीफ़ा देना पड़ा?

वीडियो: टीवी मीडिया में क़रीब दो दशकों तक काम करने वाले दयाशंकर मिश्र का कहना है कि उनका कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी पर किताब लिखने का फैसला, जिस संस्थान वे वे काम करते थे, उन्हें पसंद नहीं आया, जिसके चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा, जब पीआईबी मौजूद है तो फैक्ट चेक इकाई की ज़रूरत क्यों?

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू करते हुए ये टिप्पणियां कीं. आईटी नियम सरकार को फैक्ट चेक इकाई के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इसके बारे में ‘फ़र्ज़ी समाचार’ की पहचान करने और उन्हें हटाने का आदेश देने का अधिकार देती हैं.

क्या स्टूडियो के तूफ़ान में हिलती एंकर देश के मीडिया की स्थिति का प्रतीक है

श्वेता स्टूडियो में हिल रही हैं. इसे देखकर लोग हंस रहे हैं मगर श्वेता वीडियो में गंभीरता के साथ हिली जा रही हैं. यह नरेंद्र मोदी का आज का भारत है और उनके दौर का मीडिया है. आज के भारत का मानसिक और बौद्धिक स्तर यही हो चुका है. वर्ना गोदी मीडिया से ज़्यादा आम दर्शक इसकी आलोचना करता.

प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन को सेल्फ-रेगुलेटरी संगठन के रूप में सरकार की मंज़ूरी

एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया है कि प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन (पद्म) को एक स्व-नियामक निकाय के रूप में पंजीकृत किया गया है, जो डिजिटल मीडिया मचों पर समसायिक मामलों से संबंधित सामग्री से जुड़ी शिकायतों को देखेगा.

भारतीय मीडिया में शीर्ष नेतृत्व के लगभग 88 फ़ीसदी पदों पर उच्च जातियों का क़ब्ज़ा: रिपोर्ट

गै़र-सरकारी संगठन ‘ऑक्सफैम इंडिया’ और समाचार वेबसाइट ‘न्यूजलॉन्ड्री’ द्वारा अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच की अवधि में की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यधारा के किसी भी मीडिया घराने में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोग नेतृत्व की भूमिका में नहीं थे.

मुख्यधारा के मीडिया को सबसे बड़ा ख़तरा डिजिटल मंच से नहीं, बल्कि ख़ुद से है: अनुराग ठाकुर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर न्यूज़ चैनल ऐसे मेहमानों को आमंत्रित करते हैं, जो ध्रुवीकरण कर रहे हैं, झूठी ख़बरें फैलाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हैं, तो चैनल की विश्वसनीयता कम हो जाती है.

मीडिया पर कई प्रकार से हमले हो रहे, पत्रकारों को इसकी रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज करने और उन्हें उनका काम करने के लिए गिरफ़्तार करने समेत कई घटनाओं से मीडियाकर्मियों पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ता है, जिससे वे ज़रूरत से ज़्यादा सावधान होकर काम करने लगते हैं.

उत्तर प्रदेश: वरिष्ठ पत्रकार कमाल ख़ान का निधन

वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी इंडिया के एग्जीक्यूटिव एडिटर कमाल ख़ान का शुक्रवार को लखनऊ में हृदयाघात से निधन हो गया. वे अपनी नफ़ासत भरी शैली और भाषा पर पकड़ के लिए जाने जाते थे.

द वायर को मिला इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट का 2021 फ्री मीडिया पायनियर अवॉर्ड

द इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बारबरा ट्रियंफी ने कहा कि द वायर भारत के डिजिटल न्यूज़ क्षेत्र में हुए बदलाव का प्रमुख नाम है और इसकी गुणवत्तापूर्ण व स्वतंत्र पत्रकारिता को लेकर प्रतिबद्धता दुनिया भर के आईपीआई सदस्यों के लिए एक प्रेरणा है.

मोदी सरकार प्रेस की आज़ादी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध, इसकी आवाज़ कुचलने वालों के ख़िलाफ़: अमित शाह

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष नेताओं ने स्वतंत्र प्रेस को ‘लोकतंत्र की आत्मा’ बताया और कहा कि प्रेस की आज़ादी पर किसी भी प्रकार का हमला राष्ट्रीय हितों के लिए नुकसानदेह है और हर किसी को इसका विरोध करना चाहिए.

मीडिया बोल: रेडियो रवांडा के नक़्शेक़दम पर भारतीय न्यूज़ चैनल

वीडियो: ख़बरें देने के नाम पर भारतीय टीवी चैनलों पर कोई 'यूपीएससी ज़िहाद' दिखा रहा है, तो कोई पढ़े-लिखों को किसी झूठे केस में फंसाने की सियासी साज़िश में जुटा है. मीडिया बोल की इस कड़ी में इन्हीं मुद्दों पर सत्य हिंदी के संपादक शीतल सिंह और वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

मीडिया ट्रायल पर वकीलों ने कहा- क़ानूनी सुनवाई की जगह शर्मिंदगी की सुनवाई ने ले ली है

राम जेठमलानी मेमोरियल लेक्चर के पहले संस्करण में वकीलों ने आपराधिक मामलों और अदालतों में चल रहे मामलों की जांच को प्रभावित करने के लिए मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया का संयोजन एक ख़तरनाक कॉकटेल बन गया है, जो क़ानून के लिए ठीक नहीं है.

मीडिया बोल: न्यूज़ चैनलों के पतन का कारण टीआरपी रेस या एजेंडा सेटिंग!

वीडियो: समाचार चैनलों के बीच गलाकाट टीआरपी की रेस, एजेंडा सेटिंग और वर्चस्व की शक्तियों के औज़ार बनने की कहानी का क्या सच है? इस मुद्दे पर सत्य हिंदी के संपादक आशुतोष, आज तक के पूर्व संपादक नवीन कुमार और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.

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