आईएमए ने किया आयुष इंटर्नशिप का विरोध, कहा- अनावश्यक और मिक्सोपैथी का प्रयास

नेशनल चिकित्सा आयोग द्वारा लाए गए अनिवार्य इंटर्नशिप के मसौदा नियम, 2021 के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के लिए बारी-बारी से प्रशिक्षण के कार्यक्रम में एक सप्ताह का प्रशिक्षण किसी भारतीय चिकित्सा पद्धति या आयुष की किसी एक विधा में होना चाहिए. आईएमए ने इसे हटाने की मांग करते हुए ग़ैर ज़रूरी बताया है.

कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को ‘जाग’ जाना चाहिए: आईएमए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए. मंत्रालय की ढिलाई और अनुचित कदमों को लेकर वह बिल्कुल हैरान है. साथ ही संगठन ने कहा कि मंत्रालय ने पेशवरों के सुझावों को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया है.

18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग एक मई से कोविड-19 का टीका लगवा सकते हैं: केंद्र

केंद्र ने राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दी है. सरकार ने कहा कि टीका उत्पादकों को राज्य सरकारों को और खुले बाज़ार में उपलब्ध होने वाली 50 प्रतिशत आपूर्ति की कीमत एक मई, 2021 से पहले घोषित करनी होगी.

रेमडेसिविर घर पर उपयोग के लिए नहीं, अस्पताल में भर्ती गंभीर रोगियों के लिए है: सरकार

भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ़ उन्हीं मरीज़ों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती रखने की ज़रूरत है और जिन्हें बाहर से ऑक्सीजन दिया जा रहा है. आईएमए ने भी मेडिकल समुदाय से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन का न्यायसंगत उपयोग करने का अनुरोध किया है.

आईएमए ने प्रधानमंत्री को लिखा, टीकाकरण में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को शामिल किया जाए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर में तेज़ी से हो रहे प्रसार के मद्देनज़र टीकाकरण अभियान की रणनीति को तत्काल प्रभाव से युद्ध स्तर पर बढ़ाया जाए. देश में पिछले तीन दिन से प्रत्येक दिन कोरोना वायरस संक्रमण के 90 हज़ार से अधिक नए मामले सामने आए हैं.

पूर्वी और उत्तरी दिल्ली निगमों को डॉक्टरों के अक्टूबर का वेतन जारी करने का निर्देश

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा था कि डॉक्टरों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. इसके अलावा दिल्ली के तीनों नगर निगमों द्वारा वेतन भुगतान नहीं करने के संबंध में अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों द्वारा कई याचिकाएं दायर की गई हैं.