नोटबंदी के छह साल: विपक्षी दलों ने ‘आर्थिक नरसंहार’ कहा, कांग्रेस ने की श्वेत पत्र लाने की मांग

नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला धन सफेद करने की एक चालाकी भरी स्कीम थी.

जनता के पास 30.88 लाख करोड़ मुद्रा मौजूद, नोटबंदी के बाद से 72 फीसदी अधिक: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 अक्टूबर 2022 को समाप्त पखवाड़े में भारतीय जनता के पास 30.88 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा नकदी में उपलब्ध थी, जो कि नोटबंदी से पहले 4 नवंबर 2016 को उपलब्ध 17.97 लाख करोड़ रुपये से 72 फीसदी या 12.91 लाख करोड़ रुपये अधिक है. 

डॉलर के मुकाबले रुपया 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचकर 82.34 पर बंद हुआ

सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 39 पैसे टूटकर 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया. बाद में, भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ.

रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.

बेरोज़गारी दर दोगुनी होने और रुपये की गिरती कीमत को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 2017-18 में 20 से 24 साल के युवाओं के बीच बेरोज़गारी दर 21 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई.  राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या भारत के बेरोज़गार युवा दो करोड़ नौकरी प्रति वर्ष देने के आपके झूठ के लिए गुमराह, विश्वासघात और धोखे जैसे ‘असंसदीय’ शब्दों का

क्या रुपये के गिरने से आम आदमी की जेब पर असर पड़ रहा है

वीडियो: डॉलर के मुक़ाबले रुपये में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, एक डॉलर की क़ीमत 79 रुपये को भी पार कर गई है. इसका असर एक आम आदमी पर कितना पड़ सकता है? क्या पेट्रोल-डीज़ल के महंगे होने के पीछे का कारण भी डॉलर के बढ़ते दाम है? इन सभी सवालों के जवाब इस रिपोर्ट में.

78.22 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रुपया 15 पैसे मज़बूत हुआ

बीते बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.22 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था. हालांकि बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 15 पैसे मज़बूत होकर 78.07 पर पहुंच गया. अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरों में 0.75 फीसदी (75 आधार अंक) की वृद्धि की तथा इस दिशा में और क़दम उठाने के संकेत दिए जिससे रुपये को मज़बूती मिली.

रुपया सर्वकालिक निचले स्तर पर, कांग्रेस ने कहा- केंद्र ने अर्थव्यवस्था पर बुलडोज़र चलाया

सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 60 पैसे टूटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 77.50 पर बंद हुआ. इसे लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की आर्थिक और सामाजिक वास्तविकताओं को छिपाकर नहीं रख सकते. अब उन्हें अर्थव्यवस्था के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए न कि मीडिया की सुर्ख़ियों के प्रबंधन पर. 

महंगाई को काबू में लाने के लिए नीतिगत दर बढ़ाना ‘राष्ट्र विरोधी क़दम’ नहीं: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने स्वीकार किया जब प्रमुख ब्याज दर यानी नीतिगत दर बढ़ानी पड़ती है, कोई भी खुश नहीं होता. उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझने के लिए कहा कि यह उपाय कोई ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं’, जो विदेशी निवेशकों को लाभांवित करेगा, बल्कि एक निवेश है, ‘जिसका सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नागरिक है’.

रूस-यूक्रेन संघर्ष: तेल के बढ़ते दाम और रुपये की गिरावट के बीच सरकार के पास क्या उपाय हैं?

भारत को ख़ुद को ऊर्जा बाज़ार में लंबे व्यवधान और मुद्रा की कमज़ोरी का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इनका आर्थिक विकास, आजीविका और रोज़गार पर गंभीर असर होगा.

वैश्विक मुद्रास्फीति, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नई नीतियां अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकती हैं

अमेरिका में लगातार बनी रहने वाली उच्च मुद्रास्फीति भारत जैसे विकासशील देशों के आर्थिक प्रबंधन में बड़े व्यवधान का कारण बन सकती है.

क्या ‘चौकीदार जी’ ने अंबानी के लिए चौकीदारी की है?

मानव संसाधन मंत्रालय के शुरुआती नियमों में अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठित संस्थान का टैग नहीं मिल पाता. यहां तक कि वित्त मंत्रालय ने भी चेतावनी दी थी कि जिस संस्थान का कहीं कोई वजूद नहीं है उसे 'इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस' का दर्जा देना तर्कों के ख़िलाफ़ है.

रुपये में अचानक गिरावट अथवा मज़बूती आना ठीक नहीं: स्टेट बैंक

बीते 23 अगस्त को घरेलू मुद्रा के शुरुआती कारोबार में फिर गिरावट देखी गई और रुपया 70 के पार चला गया. डॉलर के मुकाबले यह 27 पैसे गिरकर 70.08 पर खुला.