पाश की कविता में स्वप्न और संघर्ष का स्थाई भाव है… वे सपनों को जिलाए रखते हैं

विशेष: क्रांतिकारी सपने देखता है. वह उसे विचार व कर्म की आंच में पकाता है. वह शहीद होकर भी संघर्ष की पताका को गिरने नहीं देता. उसे अपने दूसरे साथी के हाथों में थमा देता है. शहीद भगत सिंह ने जिस आज़ाद भारत का सपना देखा था, पाश उसे अपनी कविता में विस्तार देते हैं.

जोश मलीहाबादी: काम है मेरा तग़य्युर नाम है मेरा शबाब, मेरा नारा इंक़लाब ओ इंक़लाब…

जन्मदिन विशेष: हर बड़े शायर की तरह जोश मलीहाबादी को लेकर विवाद भी हैं और सवाल भी, लेकिन इस कारण यह तो नहीं ही होना चाहिए था कि आलोचना अपना यह पहला कर्तव्य ही भूल जाए कि वह किसी शायर की शायरी को उसकी शख़्सियत और समय व काल की पृष्ठभूमि में पूरी ईमानदारी से जांचे.

‘मुस्लिम पार्टी’ वाले विवाद के बीच राहुल बोले- कतार में खड़े आख़िरी व्यक्ति के साथ है कांग्रेस

कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताने के विवाद के बीच राहुल गांधी ने एक नया ट्वीट किया है. जिसमें कहा गया है, ‘शोषितों और दबे-कुचले लोगों के साथ है कांग्रेस, धर्म और जाति मायने नहीं रखती.’

तमिल कवि और लेखक इंक़लाब का परिवार उन्हें मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाएगा

इंक़लाब की बेटी ने कहा कि उनके पिता सरकार और बुद्धिजीवियों द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों में बिल्कुल विश्वास नहीं करते थे. अगर वे जीवित होते तो इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं करते.