विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न संगठनों ने कहा- नए आईटी नियमों का भयावह प्रभाव होगा

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों, मीडिया और तकनीकी अधिकार समूहों ने एक बयान जारी कर सरकार द्वारा लाए गए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की है.

हाईकोर्ट के निर्देश पर ट्विटर ने ‘गृहमंत्री संबंधी’ पोस्ट वैश्विक स्तर पर हटाए थे: रिपोर्ट

मामला कार्यकर्ता और पत्रकार सौरव दास के ट्वीट हटाने से जुड़ा है, जिसकी जानकारी उन्होंने इस महीने की शुरुआत में दी थी. नवंबर 2022 में किए गए इस ट्वीट में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान का ज़िक्र किया था. इस संबंध में पत्रकार ने ट्विटर से जानकारी मांगी थी.

संशोधित आईटी नियम व्यंग्य और पैरोडी को आवश्यक सुरक्षा प्रदान नहीं करते: हाईकोर्ट

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका ख़ारिज करने की मांग करते हुए सरकार ने कहा है कि नए नियमों के तहत बनने वाली फैक्ट-चेक इकाई सोशल मीडिया से किसी व्यंग्य या किसी राय को नहीं हटाएगी.

पीआईबी फैक्ट-चेक इकाई ने 3 साल में मिले 1.2 लाख सवालों में से महज़ 1,223 पर कार्रवाई की

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत नवंबर 2019 में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो में एक फैक्ट-चेक इकाई बनाई थी, जिसे केंद्र से संबंधित फ़र्ज़ी ख़बरों के स्वत: संज्ञान के साथ नागरिकों द्वारा भेजे प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेने का काम मिला था. इसे सही जानकारी के साथ इन सवालों का जवाब देने और सोशल मीडिया पर किसी भी ग़लत सूचना को चिह्नित करने का भी काम सौंपा गया है. 

पत्रकार निकायों ने आईटी नियमों में मसौदा संशोधन और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक की निंदा की

नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और आंध्र प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट फेडरेशन जैसे संगठनों की ओर से कहा गया है कि पीआईबी की भूमिका मीडिया को सरकारी समाचार प्रदान करने की बनी रहनी चाहिए. इसे मीडिया की निगरानी, सेंसर करने और सरकार के लिए असुविधाजनक किसी भी जानकारी को फ़र्ज़ी समाचार के रूप में पहचानने का काम नहीं सौंपा जा सकता है.

आईटी नियम: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- पीआईबी को नियामक शक्तियां देना अवैध और असंवैधानिक

सरकार की अधिकृत सूचना इकाई पीआईबी को सोशल मीडिया मंचों पर फ़र्ज़ी ख़बरों की निगरानी का अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव पर विभिन्न मीडिया संगठनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है. इससे पहले एडिटर्स गिल्ड ने कहा था कि फ़र्ज़ी ख़बरों का निर्धारण सिर्फ़ सरकार के हाथ में नहीं सौंपा जा सकता है, इसका नतीजा प्रेस को सेंसर करने के रूप में निकलेगा.

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ब्लॉक करने के लिए सरकार ने किन ‘आपातकालीन नियमों’ का इस्तेमाल किया है

बीते सप्ताह सूचना और प्रसारण सचिव द्वारा आईटी नियम, 2021 के नियम 16 का उपयोग करते हुए गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका रेखांकित करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए गए थे.

सरकार द्वारा प्रयोग किए जा रहे नए आईटी नियमों पर संसद की विधान समितियों ने चर्चा नहीं की

सरकार ने नए आईटी नियमों को फरवरी 2021 में अधिसूचित किया था. आम तौर पर ऐसे नियमों को चर्चा व बहस के लिए 15 दिनों के भीतर संसद में पेश किया जाना चाहिए. एक आरटीआई अर्ज़ी के जवाब में सामने आया है कि सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इन नियमों पर लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों ने चर्चा नहीं की थी.

सरकार ने भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में एक फेसबुक अकाउंट और 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई है. इन चैनलों में से छह पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे. मंत्रालय ने कहा कि भारत के अनेक यूट्यूब चैनल असत्यापित खबरें और वीडियो प्रसारित कर रहे थे, जिनसे समाज के कई वर्गों में भय का माहौल बन सकता था.

सरकार ने यूट्यूब आधारित 18 भारतीय और चार पाकिस्तानी समाचार चैनलों को बंद किया

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल फरवरी में आईटी अधिनियम, 2021 की अधिसूचना जारी होने के बाद यूट्यूब आधारित भारतीय चैनलों के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई पहली बार की गई है. इन 22 यूट्यूब चैनलों के अलावा तीन ट्विटर एकाउंट, एक फेसबुक एकाउंट और एक समाचार वेबसाइट बंद करने का भी निर्देश दिया गया है.

नए आईटी नियमों के तहत केंद्र ने ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के ऐप, वेबसाइट आदि पर रोक लगाई

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में दावा किया है कि पंजाब पॉलिटिक्स टीवी प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से संबद्ध है और पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान जनव्यवस्था बिगाड़ने के लिए चैनल द्वारा ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने की खुफ़िया जानकारी मिली थी.

मद्रास हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई

मीडिया कंपनियों के एक 13-सदस्यीय समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट का ये आदेश आया है. इससे पहले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने आईटी नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान के पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए केंद्र द्वारा एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.

नए आईटी नियम: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ख़िलाफ़ कितने यूज़र शिकायत दायर कर रहे हैं?

फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की अनुपालन रिपोर्ट से पता चलता है कि फ़िलहाल काफ़ी कम यूज़र नए आईटी नियमों के तहत शिकायतें दायर करा रहे हैं. ज़्यादातर कंपनियों को हर महीने एक हज़ार से कम शिकायतें मिल रही हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने नए आईटी नियमों के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई

डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन, पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन और संगीतकार टीएम कृष्णा की नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर अदालत ने नियम 9 के उपबंध (1) एवं (3) पर रोक लगाई है. ये उप-खंड आचार संहिता के पालन को निर्धारित करते हैं. 

केंद्र ने हाईकोर्ट में किया नए आईटी नियमों का बचाव, कहा- प्रेस की आज़ादी का दुरुपयोग रोकेंगे

सूचना व प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दायर हलफ़नामे में कहा गया कि मीडिया में ग़लत जानकारी के प्रचार के कारण क़ानून व व्यवस्था बिगड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. नए नियम डिजिटल मीडिया में फ़र्ज़ी ख़बरों से नागरिकों की रक्षा का काम करेंगे.