कश्मीर: वेबसाइट पर पुलवामा मुठभेड़ की ख़बर देने के बाद पत्रकार राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार

द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.

हैदरपोरा मुठभेड़ः पुलिस के हलफ़नामे में पता चले ख़ुफ़िया इनपुट से जुड़े सेना के विरोधाभासी दावे

15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में हुए 'एनकाउंटर' में हुई चार लोगों की मौत के बाद इस पर कई सवाल उठे थे. सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में दावा किया गया था कि इस संयुक्त ऑपरेशन को जम्मू कश्मीर पुलिस के ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर अंजाम दिया गया था.

जम्मू कश्मीर: देश के खिलाफ ‘असंतोष फैलाने’ के आरोप में मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ़्तार

पुलिस का आरोप है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के ख़िलाफ़ नफ़रती एजेंडा चला रहे थे.

हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर लगाए गए आरोपों से आहतः जम्मू एवं कश्मीर डीजीपी

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. राजनीतिक दलों ने पुलिस द्वारा की गई वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए थे, जिसमें इस मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों को एक तरह से ‘क्लीनचिट’ दी गई थी. 

हैदरपोरा मुठभेड़: आमिर की मां ने ख़ुदकुशी की धमकी दी, परिवार ने पुलिस जांच को ख़ारिज किया

बीते 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर मागरे के माता-पिता ने पुलिस की उस जांच को ख़ारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनके बेटे आतंकी थे. इसके अलावा इस गोलीबारी में एक आतंकी सहित जिन लोगों की मौत हुई उनमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. 

हैदरपोरा मुठभेड़: एसआईटी ने सुरक्षाबलों की किसी साज़िश से किया इनकार

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. गुपकर गठबंधन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की. है. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एसआईटी द्वारा सुरक्षाबलों को दी गई क्लीनचिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. यह जांच एक ग़लत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई थी.

कठुआ बलात्कार मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिसकर्मी की सज़ा रद्द की, ज़मानत मिली

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले में दोषी पाए गए एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता की शेष सज़ा को निलंबित कर दिया और ज़मानत दे दी. रिश्वत लेकर सबूतों को नष्ट करने के आरोप में दत्ता को पांच साल की सज़ा मिली थी. इससे पहले 16 दिसंबर को एक अन्य दोषी हेड कॉन्स्टेबल की सज़ा पर रोक लगा दी गई थी.

हैदरपोरा मुठभेड़: परिजनों, अधिकार कार्यकर्ताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

जम्मू कश्मीर: देश के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने वाले पोस्ट के आरोप में दो पत्रकारों से पूछताछ

जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं जिनसे ब्लॉग साइट कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी. नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.

हैदरपोरा एनकाउंटर: पीड़ित परिवार ने शव मांगा, कहा- आख़िरी बार चेहरा देखना चाहते हैं

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.

हैदरपोरा मुठभेड़: दो मृत नागरिकों के शव क़ब्र से निकालकर दोबारा सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.

हैदरपोरा मुठभेड़: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.

हैदरपोरा मुठभेड़: मारे गए नागरिकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया, शव लौटाने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.

कश्मीर: हैदरपोरा मुठभेड़ में मृत नागरिकों के परिजनों ने कहा, उनका उपयोग मानव ढाल के तौर पर हुआ

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों की मौत के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने दोनों को आतंकियों का सहयोगी होने का दावा किया है, जबकि इनके परिवारों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने इनका इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के तौर

जम्मू कश्मीर: कैसे सैयद गिलानी के शव को उनके परिवार से लेकर जल्दी में दफ़नाया गया

अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार का कहना है कि पहले जम्मू कश्मीर पुलिस इस बात पर सहमत हुई थी कि उनके परिजन उन्हें दफ़नाने के इंतज़ाम कर सकेंगे, लेकिन बाद में पुलिसकर्मी उनका शव लेकर चले गए.

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