जम्मू कश्मीर की 2006 की अंतर जिला भर्ती नीति के तहत जम्मू संभाग में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को कश्मीर में इसी श्रेणी के लिए आरक्षित पदों के लिए आवेदन की अनुमति दी थी. बीते कुछ समय में आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों पर हुए टारगेटेड हमलों के बाद जून में जम्मू लौटे ये कर्मचारी तबसे घाटी से अपने तबादले की मांग कर रहे हैं.
आधिकारिक दस्तावेज़ के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक परिवार को सरकारी सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए 'जम्मू कश्मीर परिवार पहचान पत्र' नामक एक यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा. यह हरियाणा के 'परिवार पहचान अधिनियम 2021' की तर्ज पर लागू होगा.
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि हर परिवार के लिए एक यूनिक आईडी पेश की जाएगी. इससे परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक अपने आप पहुंच जाएगा. विपक्षी दलों ने कहा कि प्रशासन कर्मचारियों को डेटा संग्रह में व्यस्त रख रहा है, जबकि लोगों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली है. चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफ़ा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले मीडियाकर्मी राइज़िंग कश्मीर मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. इसके उलट बीते दिनों कश्मीर घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के नाम लेते हुए आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा जारी की गई एक ‘हिटलिस्ट’ से भयभीत समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था.
कश्मीर के अख़बार ग्रेटर कश्मीर से लंबे समय तक जुड़े रहे ख़ालिद गुल उन कई पत्रकारों में से एक हैं जिनके घर पुलिस ने अन्य पत्रकारों को ऑनलाइन धमकी मिलने के संबंध में पिछले महीने छापे मारे थे.
बीते दिनों आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के विवरण वाली एक सूची जारी करते हुए धमकी दी गई है. इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जानकारियां लीक होने के मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है.
जम्मू कश्मीर सरकार ने 1988 में प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण नए शिकारे के निर्माण और मौजूदा शिकारे की मरम्मत व नवीनीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2009 में अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट को यह बताने के बाद कि शिकारा श्रीनगर के जल प्रदूषण का प्राथमिक स्रोत हैं, प्रतिबंध को फिर से लागू कर दिया गया था.
केंद्र सरकार लद्दाख में सरकारी नौकरियों को लेकर 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल कर रही है. गृह मंत्रालय ने 1 नवंबर 2022 को जारी एक अधिसूचना में उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर को गजेटेड या समूह 'ए' और समूह 'बी' के सार्वजनिक सेवा पदों पर भर्ती के नियम बनाने का अधिकार दिया है.
बीते दिनों लश्कर-ए-तैयबा के कथित ब्लॉग पर प्रकाशित एक धमकी भरे पत्र में घाटी के 21 मीडिया संस्थान मालिकों, संपादकों व पत्रकारों का नाम था. बताया गया कि छापेमारी के दौरान स्थानीय पत्रकार सज्जाद अहमद क्रालियारी को हिरासत में लिया गया और उनका लैपटॉप, कैमरा और मोबाइल फोन ज़ब्त कर लिया गया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पद से हटने की घोषणा करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला कहा कि अब नई पीढ़ी को ज़िम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पांच दिसंबर को होगा.
लश्कर-ए-तैयबा के कथित ब्लॉग पर प्रकाशित एक धमकी भरे पत्र, जिसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किए गए हैं, में 21 मालिकों, संपादकों और पत्रकारों का नाम लिया गया है, जिनमें से ज़्यादातर श्रीनगर के तीन मीडिया संस्थानों से जुड़े हैं.
17 जनवरी 2018 आठ साल की बच्ची का शव जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले में मिला था. मेडिकल रिपोर्ट में पता चला था कि हत्या से पहले लड़की के साथ कई बार सामूहिक बलात्कार किया गया था. जून 2019 में मामले के मुख्य आरोपी सांजी राम समेत पांच पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया था.
जम्मू कश्मीर के गांदरबल ज़िला मजिस्ट्रेट ने शनिवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि बिजली सप्लाई की लाइनों को किसी भी नुकसान से बचाने, अनिर्धारित बिजली कटौती रोकने और निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए ब्लोअर, हीटर और रेडिएटर जैसे बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है.