कश्मीर घाटी में लगातार आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और ग़ैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बीच भयभीत कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग घाटी छोड़कर जा रहे हैं या इसकी योजना बना रहे हैं. ख़बरों के अनुसार, कश्मीर में उनके कई रिहायशी शिविरों में उन्हें प्रशासन द्वारा जबरन रोका जा रहा है.
मज़दूरों पर हमले की यह घटना बडगाम ज़िले में हुई. जम्मू कश्मीर में इस सप्ताह में नागरिकों पर हुआ यह तीसरा हमला है. इससे पहले आतंकवादियों ने मंगलवार को कुलगाम ज़िले में एक शिक्षिका और गुरुवार को ही एक बैंककर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ग़ैर-मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ते हमलों के विरोध में सूबे के कई ज़िलों में प्रदर्शन हुए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, हिंदुओं के कुछ समूह घाटी छोड़कर जा चुके हैं.
जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने 'द कश्मीर वाला' के कार्यवाहक संपादक यशराज शर्मा को समन जारी कर 2011 में पत्रिका में छपे एक विवादित लेख के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेख के प्रकाशन के समय यशराज की उम्र 12 वर्ष थी.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि कुलगाम ज़िले में आतंकवादियों ने राजस्थान के रहने वाले और इलाकाई देहाती बैंक के कर्मचारी विजय कुमार को बैंक परिसर के अंदर गोली मार दी. अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. मंगलवार को इसी ज़िले में आतंकियों ने एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ऐसी लक्षित हत्याओं के ख़िलाफ़ कई ज़िलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.
मृतक महिला शिक्षक की पहचान सांबा ज़िले की निवासी 36 वर्षीय रजनी बाला के रूप में हुई है. बीते 12 मई को सरकारी कर्मचारी राहुल भट की बडगाम ज़िले में तहसीलदार कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस महीने कश्मीर में यह सातवीं लक्षित हत्या हैं. इससे पहले तीन पुलिसकर्मी और तीन नागरिक- एक राहुल भट, एक कलाकार और एक शराब की दुकान सेल्समैन को लक्षित हमलों में आतंकवादियों द्वारा मार दिया गया था.
आमिर लतीफ़ माग्रे उन चार लोगों में से एक थे, जो 15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. एनकाउंटर की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश और विरोध के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों- अल्ताफ़ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था. हाईकोर्ट ने आमिर का शव उनके परिजनों के सुपुर्द न करने के जम्मू कश्मीर पुलिस के फैसले को संविधान के
केंद्रीय क़ानून मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी हो गए हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत गठित आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 होंगी. इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी. पूर्ववर्ती विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और
श्रीनगर में हुए एक समारोह में सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह ज़रूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकारों और सम्मान को मान्यता दी गई है और उन्हें संरक्षित किया गया है. उन्होंने जोड़ा कि हम अपनी अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे हैं. अगर इस पर तत्काल ध्यान नहीं देते हैं, तो न्याय तक पहुंच का संवैधानिक आदर्श विफल हो जाएगा.
जम्मू कश्मीर के बड़गाम ज़िले के चादूरा में कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के विरोध में बीते 12 मई से समुदाय के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. 13 मई को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीजार्च कर दिया था, जिसके जांच के आदेश दिए गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए कश्मीर पर बनी फिल्म पर बोलना, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बोलने से ज़्यादा
बर्खास्त किए गए लोगों में कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग का प्रोफेसर अल्ताफ़ हुसैन पंडित, सरकारी शिक्षक मोहम्मद मक़बूल हाज़म और एक पुलिसकर्मी गुलाम रसूल शामिल हैं. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत गठित समिति की सिफारिश पर तीनों को बर्ख़ास्त किया गया. यह राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच किए ही किसी व्यक्ति को बर्ख़ास्त करने की अनुमति देता है.
जम्मू कश्मीर में बीते बृहस्पतिवार को बडगाम ज़िले के चादूरा में एक कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट आतंकियों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शुक्रवार को पुलवामा ज़िले में शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के ख़िलाफ़ बृहस्पतिवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा सीट के पुनर्निर्धारण को लेकर परिसीमन आयोग गठित करने के सरकार के फ़ैसले को चुनौती देते हुए सूबे के दो निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि संविधान के प्रावधानों के विपरीत जाते हुए परिसीमन की प्रक्रिया चलाई गई.
बीते गुरुवार को मध्य कश्मीर के बडगाम ज़िले में चादूरा स्थित भीड़भाड़ वाले तहसील कार्यालय में घुसकर 35 वर्षीय कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद आतंकियों ने शुक्रवार को पुलवामा में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर गोली मारकर उनकी जान ले ली. राहुल की मौत के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया.
बीते आठ मई को अनंतनाग के मट्टन में आठवीं शताब्दी के संरक्षित मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहरों में हुई पूजा-अर्चना में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लिया था. नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के बिना किसी संरक्षित स्मारक में बैठकें, स्वागत, दावत, मनोरंजन या सम्मेलन आयोजित नहीं किए जा सकते. हालांकि प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उपराज्यपाल को अनुमति की ज़रूरत नहीं.